इंदौर। इंदौर के निजी अस्पताल में रविवार को लिफ्ट गिर जाने से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बाल-बाल बचे। हादसा लिफ्ट के ओवरलोड होने की वजह से हुआ। लिफ्ट की क्षमता 15 लोगों की थी, जबकि उसमें 20 लोग सवार हो गए। कमलनाथ DNS अस्पताल में भर्ती पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल का हालचाल जानने गए थे। हादसे के समय लिफ्ट में उनके साथ पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा भी सवार थे।
पार्टी सम्मेलन के लिए इंदौर पहुंचे हैं नेता
बता दें कि इंदौर में चल रहे कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में प्रदेशभर के पार्टी नेता जुटे हुए हैं। इसी दौरान पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल इंदौर के अस्पताल में भर्ती होने की खबर मिली थी। उनका हालचाल जानने पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी कई नेताओं के साथ DNS अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल की दूसरी मंजिल पर जाने के लिए सभी नेता लिफ्ट में सवार हुए थे, लेकिन लिफ्ट थोड़ी ऊंचाई तक जाकर नीचे गिर गई।
इंजीनियर को बुलाकर बाहर निकाला
हादसे के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। लिफ्ट के इंजीनियर को बुलाया गया। काफी मशक्कत के बाद सभी नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। इसी दौरान घबराहट होने से कमलनाथ की तबीयत खराब हो गई। अस्पताल में ही उनकी जांच की गई। इसके बाद वे वहां से रवाना हो गए।
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ से फोन पर चर्चा कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और साथ ही कलेक्टर इंदौर को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए । कलेक्टर ने ADM मुख्यालय हिमांशु चंद्र को इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच करने को कहा है। कुछ दिन पहले CM शिवराज सिंह चौहान भी मंत्रालय की लिफ्ट में फंस गए थे। तब दो लोगों को सस्पेंड किया गया था।
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