जम्मू-कश्मीर में तैयार होने जा रहा है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज
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टीआरपी डेस्क। हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ढांचागत चमत्कार पूरा होने की कगार पर है। भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग का एक नया मील का पत्थर लगाने वाली है। चेनाब नदी पर बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज तैयार होने वाला है।

https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1364782015090806785?s=20

आपको बता दें, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल जिस रेलवे ब्रिज की बात कर रहे हैं। वह जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में भारतीय रेलवे बना रही है। यह ब्रिज चेनाब नदी के ऊपर बनाया जा रहा है। स्टील से बन रहे इस ब्रिज का आकार एक आर्क जैसा है। बहुत जल्द दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा। यह रेलवे ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है।

भारतीय रेलवे इतिहास का सबसे कठिन प्रोजेक्ट

बहुत जल्द दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है। रियासी जिले में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज की ऊंचाई पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा ऊंचा है। यह भारतीय रेलवे के इतिहास का अब तक सबसे कठिन प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को कोंकण रेलवे पूरा कर रहा है।

चेनाब नदी के ऊपर बन रहा यह रेलवे ब्रिज ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना का हिस्सा है। जो मार्च 2021 तक पूरा हो जायेगा। इस ब्रिज की कुल लंबाई करीब 1.3 किलोमीटर है जबकि यह 359 मीटर ऊंचा है जबकि पेरिस का एफिल टावर 324 मीटर है।

इस ब्रिज के मुख्य आर्क का व्यास 485 मीटर है। इसके सबसे ऊंचे खंभे की ऊंचाई 133.7 मीटर है। इस ब्रिज में कुल 17 खंभे लगे हैं। ऊधमपुर से बारमुला तक के इस रेल प्रोजेक्ट की कुल लंबाई करीब 326 किलोमीटर है।

स्टील विस्फोट रोधी, हवा को भी कर सकता बर्दाश्त

इस ब्रिज को बनाने के लिए कुल 25 हजार मीट्रिक टन स्टील लगाया गया है। यह पुल 266 किलोमीटर प्रतिघंटा चलने वाली हवा को भी बर्दाश्त कर सकता है। साथ ही यह भूकंप रोधी और विस्फोट रोधी भी है।

अगर बम लगाकर ब्रिज को उड़ाने को कोशिश भी की जाएगी तो वह फेल हो जाएगी, क्योंकि इसका स्टील विस्फोट रोधी है। इस ब्रिज पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति से ट्रेन चल सकती है। इस ब्रिज को बनाने में करीब 512 करोड़ रुपए लगेंगे, जबकि पूरी रेल परियोजना की लागत 20 हजार करो़ड़ रुपए है।

इस रेल परियोजना के तहत जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, श्रीनगर, बडगाम और बारामुला जिले कवर हो जाएंगे. इस परियोजना के तहत करीब 15 स्टेशन आएंगे। इस परियोजना में 62 बड़े और 739 छोटे ब्रिज होंगे। इनके अलावा 10 रोड ओवर ब्रिज भी बनेंगे।

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