रायपुर। देश में घरेलू व्यापार के लिए व्यापारियों को 28 तरह के लाइसेंस के स्थान पर आधार की तरह केवल एक लाइसेंस लागू करना जरूरी है। ताकि व्यापारी अपने व्यापार पर ध्यान देकर देश के विकास में सहयोग कर सकें। यह कहना है जय व्यापार पैनल के अध्यक्ष अमर पारवानी का।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स की चुनावी सरगर्मी नामांकन जमा होने के बाद और बढ़ गई है। व्यापारिक पैनलों द्वारा एक बार फिर से जबरदस्त प्रचार प्रसार का अभियान शुरू कर दिया गया है। जय व्यापार पैनल और व्यापारी एकता पैनल के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों के दौरे पर निकल गए। इंटरनेट मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार के साथ पैनलों द्वारा व्यापारियों से व्यक्तिगत जनसंपर्क किया जा रहा है।
इसी बीच टीआरपी ने जय व्यापार पैनल के अध्यक्ष अमर परवानी से चर्चा की। इस चुनाव में वे व्यापारियों के पास किन मुद्दों को लेकर पहुंच रहे हैं।
कैट के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने बताया कि आज भारत में जीएसटी लागू होने के 4 वर्षों की अंतराल में जीएसटी कर प्रणाली एक सबसे जटिल कराधान प्रणाली के रूप में उभरी है। चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक किए गए लगभग 950 संशोधन स्वयं बया कर रहे हैं कि जीएसटी परिषद भी प्रणाली की स्थिरता के बारे में आश्वस्त नहीं है। इसके बाद भी व्यापारियों से उम्मीद की जाती है कि वे जीएसटी के प्रावधानों का निर्बाध तरीके से अनुपालन करें अन्यथा जीएसटी रेजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। इनपुट क्रेडिट से हाथ धोना पड़ सकता है, और दंड भी भुगतना पड़ सकता है। वर्तमान जीएसटी में अब भी कई समस्याएं हैं। जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
देश में घरेलू व्यापार पर लगे लगभग 28 तरह के लाइसेंस के स्थान पर आधार की तरह केवल एक लाइसेंस लागू किया जाना चाहिए। रिटेल बाजार को शहर के बाहर विस्थापित किया जाए ताकि व्यापार के साथ आम लोगों को भी परेशानी न हो। इन दिनों ऑनलाइन बाजार ने भी व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर रखी है। ईकॉमर्स पॉलिसी के तहत ऐसी कंपनियों की निगरानी बेहद जरूरी है।
जय व्यापार पैनल के अध्यक्ष अमर पारवानी का कहना है कि व्यापारी समुदाय समझ गया है कि उनके लिए कौन सही प्रत्याशी होगा। व्यापारियों को उसे ही चुनना चाहिए जो केवल व्यापार हित का ध्यान रखे और हमेशा उनके साथ रहे। बीते छह सालों से वे और उनकी टीम पूरी तरह से व्यापारिक हितों के कामों में ही लगे रहे और इसके कारण ही प्रचार के दौरान व्यापारियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ई कॉमर्स व्यापार के लिए तुरंत ई कॉमर्स पालिसी जारी हो, ई कॉमर्स व्यापार पर नजर रखने के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन हो।
जय व्यापार पैनल के अन्य एजेंडे
- घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा हो
- राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का तुरंत गठन
- जीएसटी कानून की दोबारा समीक्षा कर उसको सरल बनाया जाए
- सभी प्रकार के लाइसेंस निरस्त कर एक लाइसेंस की व्यवस्था हो
- व्यापारियों को आसान शर्तों पर बैंकों से कर्ज मिले
- व्यापार पर लगे सभी कानूनों की दोबारा समीक्षा हो और गैर जरूरी कानूनों को रद्द किया जाए
- रिटेल मार्केट व्यवस्थित किये जाने का प्रयास किया जाएगा।