नारायणपुर। आपने बांसुरी मुँह से बजाते बहुत देखा,सुना है। लेकिन छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के मनीराम मंडावी अपने बांसुरी की धुन से इन दिनों सोशल मीडिया में छाए हुए है।

दरअसल मनीराम मंडावी जब हवा में बांसुरी झुलाते हैं तो ये बांसुरी संगीत बजाते हैं। गोंड आदिवासी समुदाय के बांसुरी बनाने वाले मनीराम ने कहा कि झूलते हुए बांसुरी का इस्तेमाल न केवल संगीत पैदा करने के लिए किया जाता है, बल्कि जंगलों से यात्रा के दौरान जंगली जानवरों को भगाने के लिए भी किया जाता है।
“मनीराम ने वीडियो में कहा बांसुरी का उपयोग संगीत का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग लोग जानवरों, जैसे कि बाघ, चीता और भालू से बचने के लिए करते हैं। जब हम जंगल में जाते हैं। यदि आप इन बांसुरी को झुलाते हैं। जानवर दूर रहते है,”।
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