अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषः पालक, चुकन्दर, सिन्दूर व हल्दी से होली के रंग बना महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषः पालक, चुकन्दर, सिन्दूर व हल्दी से होली के रंग बना महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

टीआरपी डेस्क। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की महिलाओं ने कमाल किया है। 13 गांव की महिलाओं ने एक स्वंय सहायता समूह से जुड़कर हर्बल गुलाल बनाया है। हर्बल गुलाल बनाने के लिए बलरामपुर कृषि विज्ञान केंद्र ने महिलाओं को ट्रेनिंग दी थी। उसके बाद महिलाओं ने पालक, हल्दी, चुकदंर और सिंदूर से हर्बल गुलाल बनाया है।

सुरक्षित होली के लिए तैयार है हर्बल गुलाल

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले ही इन लोगों ने बलराम कृषि विज्ञान केंद्र में स्टॉल लगाया है। इस बार भारत में 29 मार्च को होली मनेगी। इसे ही देखते हुए बलरामपुर की महिला स्वयं सहायता समूहों ने सुरक्षित होली मनाने के लिए हर्बल गुलाल तैयार किया है।

होली से पहले इस गुलाल की डिमांड भी खूब है। इसके साथ ही उपयोग से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होगा। दरअसल, बलरामपुर जिला मुख्यालय के जाबर कृषि विज्ञान केंद्र ने 13 गांव की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया था। अब महिलाएं इसे बनाकर आत्मनिर्भर भी बन रही हैं, साथ ही अपनी आमदनी भी बढ़ा रही हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र से लिया प्रशिक्षण

वहीं, महिलाओं का कहना है कि पहले इन चीजों के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी। कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण मिलने के बाद हमलोगों ने यह शुरू किया है। अब होली पर इसकी खूब डिमांड है। लोग रसायनिक रंगों से बचना चाहते हैं। वहीं, जिले के अधिकारियों ने महिलाओं का हौसला भी बढ़ाया है।

होली के त्यौहार में लोग रसायन युक्त कलर-गुलाल का उपयोग करते हैं, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। लेकिन इस वर्ष हमारे यहां महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है। पालक, चुकंदर, सिंदूर और हल्दी के साथ अन्य साग-सब्जियों से अलग-अलग प्रकार के गुलाल तैयार किए गए हैं, जो शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। अब महिलाओं ने हर्बल गुलाल को बड़े शहरों में भी बेचने की कार्य योजना तैयार की है जिससे उनकी आमदनी में और इजाफा होगा।

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