धन सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, CM त्रिवेंद्र सिंह रावत का जाना तय राज्यपाल से मिलकर देंगे इस्तीफा
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टीआरपी डेस्क। उत्तराखंड में चल रहे सियासी संकट को लेकर अब तस्वीर साफ होने लगी है। जानकारी अनुसार, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब से कुछ ही देर बाद 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। जिसके बाद वह शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा दे सकते हैं। जानकारी अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम रावत राज्य के अगले मुख्यमंत्री का नाम दे सकते हैं।

राजनीतिक सरगर्मी के बीच CM रावत पहुंचे दिल्ली


राजनीतिक सरगर्मी के बीच CM रावत को भी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली तलब कर लिया था। रावत सोमवार को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने दोपहर में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात की। इस बीच, देर शाम तक नड्‌डा और गृह मंत्री अमित शाह के बीच महत्वपूर्ण बैठक चली। इसमें संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए।

सीएम की रेस के नये दावेदार

वहीं, उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और धन सिंह रावत का नाम आगे है। इन तीनों में से किसी एक को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। साथ ही सतपाल महाराज के नाम पर भी चर्चा चल रही है।

हालांकि इस बीच बीजेपी के विधायक और उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मुन्ना चौहान ने राज्य में सीएम बदलने की अटकलों को खारिज किया है। मुन्ना ने कहा कि सीएम रावत को पार्टी का पूरा समर्थन प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि देहरादून में विधायक दल की औपचारिक बैठक नहीं हुई है।

2000 में हुआ राज्य का गठन, दो साल में बने दो मुख्यमंत्री


आपको बता दें, 2000 में राज्य के गठन के बाद से कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनी। इस दौरान दो साल के भीतर ही दो मुख्यमंत्री बन गए। सबसे पहले नित्यानंद स्वामी 9 नवंबर 2000 को मुख्यमंत्री बने। इसके एक साल बाद भाजपा के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्च खोल दिया। जिसके बाद भाजपा के दिग्गज नेता भगत सिंह कोश्यारी को विधायक दल का नेता चुना। जो सिर्फ 123 दिन तक ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।

साल 2002 चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने और पांच साल यानी 2007 तक मुख्यमंत्री रहे। फिर 8 मार्च 2007 को भाजपा ने भुवनचंद्र खंडूरी मुख्यमंत्री बने, लेकिन 23 जून 2009 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद उनकी जगह 24 जून 2009 को भाजपा ने रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन चुनाव से 4 महीने पहले उनकी कुर्सी चली गई। उनकी जगह दोबारा 10 सितंबर 2011 को भुवनचंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया।

5 साल में दो मुख्यमंत्री बदले गए

इस दौरान 5 साल में दो मुख्यमंत्री बदले गए। 13 मार्च 2012 को विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके दो साल बाद ही उन्हें कुर्सी छोड़ने पड़ी। 1 फरवरी 2014 को हरीश रावत मुख्यमंत्री बने, लेकिन पार्टी की अंदर खाने की राजनीति से जूझ रहे रावत को विधायकों की बगावत के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा। फिर साल 2016 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा।

रावत को कोर्ट से राहत मिली और वह दोबारा मुख्यमंत्री बने। 2017 में फिर से राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनाया गया। तब से वह राज्य में मुख्यमंत्री हैं। त्रिवेंद्र सिंह राज्य की सत्ता में सबसे ज्यादा सत्ता तक मुख्यमंत्रियों रहने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं, लेकिन 4 साल बाद ही अब उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है।

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