रायपुर। सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ प्रदेश समिति यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैंक अधिकारी व कर्मचारी 15 व 16 मार्च को काम बंद कर हड़ताल पर रहेंगे.

यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस ने इस हड़ताल में करीब 10 लाख से अधिक बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया है. कर्मचारियों के दो दिवसीय हड़ताल से करोड़ों रुपए के नुकसान होने का अनुमान है. अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर बैंक कर्मचारी हल्ला बोलने की पूरी तैयारी में हैं.
ज्ञात हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है। सरकार इससे पहले आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है।
14 बैंकों का किया जा चुका है विलय
पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है। आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने एक वक्तव्य में कहा है कि 4,9, और 10 मार्च को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई समाधान बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। ‘इसलिये 15 और 16 मार्च 2021 को लगातार दो दिन हड़ताल का फैसला किया गया है।
हड़ताल में बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं। बैंकों ने हालंकि, यह भी कहा है कि वह बैंक शाखाओं में कामकाज को सामान्य बनाये रखने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
ये है मांगे
1- सरकारी क्षेत्र के बैंको के निजीकरण का विरोध।
2- प्रतिगामी बैंकिंग सुधारों का विरोध।