छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती पर राज्यपाल अनुसईया उइके ने उन्हें किया नमन
छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती पर राज्यपाल अनुसईया उइके ने उन्हें किया नमन

रायपुर। आज छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसईया उइके उन्हें नमन कर अपने ट्वीट में कहा छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद, कर्मठ समाज सेविका एवं महिला अधिकारों हेतु समर्पित मिनीमाता जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।

साथ ही राज्यपाल लिखा सामाजिक उत्थान एवं मानवता की सेवा कर उन्होंने समाज में अलख जगाने का कार्य किया।

जानिए कौन हैं मिनीमाता

  • मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नगांव जिले में हुआ था। बचपन में उनके परिजन उन्हें मिनाक्षी नाम से पुकारते थे।
  • मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं। वे वर्ष 1952, 1957, 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं।
  • मिनीमाता बतौर सांसद जब वे दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। उन्हें छत्तीसगढ़ी के साथ हिंदी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था।
  • समाज में पिछड़ापन और छुआछूत जैसी तमाम कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
  • संसद में अस्पृश्यता बिल को पास कराने में मिनीमाता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बाल विवाह, दहेज प्रथा, गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए भी मिनीमाता लगातार आवाज उठाती रहीं।
  • सामान्य और मध्मवर्गीय परिवार से होने के कारण छत्तीसगढ़ की जनता का मिनीमाता से सीधा जुड़ाव था। इसी वजह से प्रदेश की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान देती थी।
  • छत्तीसगढ़ के लोग मिनीमाता से इतना प्यार करते हैं कि आज भी प्रदेश सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है।
  • छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन भी उनके नाम पर ही बना है।
  • 11 अगस्त 1972 को एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई।

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