मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त, 20 हजार महिलाओं को मिली एनीमिया से निजात
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टीआरपी डेस्क। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की आज प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल की मातृ शक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त हुए हैं।

आंगनवाड़ी स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल

इसके अलावा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली है। प्रदेश में नारी शिक्षा व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि आंगनवाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की जा रही है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है। महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा है, जहां नहीं है, उसके लिए हमने अपने तीनों बजटों में प्रावधान रखा है।

नए बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। नए बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।

महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम हेतु महिला हेल्प डेस्क संचालित

महिला पुलिस तथा स्वयंसेविका योजना के तहत महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए दो जिलों में साढ़े चार हजार से अधिक स्वयंसेविकाएं काम कर रही हैं। बेटियों के जन्म को सकारात्मक रूप में लेने की प्रेरणा का संचार करने हेतु ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ शुरू की जा रही है। योजना में दूसरी संतान के रूप में बेटी जन्म होने पर आर्थिक मदद की जाएगी। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित है।

26 साल बाद शुरू हुई शिक्षकों की स्थायी भर्ती

लोकवाणी में राजिम की एकता राजानी ने अपने रिकार्डेड संदेश में कहा कि मुझे शिक्षा विभाग में सेवा का अवसर मिला है, 26 साल बाद स्थायी भर्ती शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार हमने स्थायी शिक्षक, शिक्षिकाओं की भर्ती के बारे में कहा था, जिसके दो प्रमुख कारण थे। एक तो शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और दूसरा नौकरी कर रहे शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा। हमने लगभग 15 हजार पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट से स्टे जैसी अनेक समस्याएं आ गई। मुझे खुशी है कि अंततः सारी समस्याओं को हल करते हुए अब चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो गया है। हमने दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा निभाया है, जिसका लाभ हमारी बहनों को मिला है।

महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा हेतु 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा

मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। पुलिसकर्मियों की भर्ती की रुकी हुई प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसी तरह से विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए यह व्यवस्था की है कि भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन आदि कार्यों के लिए जो भी समितियां बनाई जाएंगी, उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहेगी। महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है।

गोधन न्याय योजना में महिलाओं की लगभग 45 प्रतिशत भागीदारी

मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी योजनाओं का उद्देश्य है कि आप अपनी परिस्थिति तथा अवसर के अनुसार आजीविका का साधन चुनें। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत कुल विक्रेताओं में लगभग 45 प्रतिशत की भागीदारी महिलाओं की है। इस तरह मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमारी योजनाओं में माताओं-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है, इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं।

एक ही दिन में 3229 बेटियों का विवाह बना गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड

श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए कहा कि हर मां-बाप का सपना होता है कि उसकी बेटी का विवाह अच्छे से हो और यदि कोई बेटी संकट में है तो सरकार और समाज की जिम्मेदारी है कि वह माता-पिता की भूमिका निभाए। मुझे यह कहते हुए संतोष होता है कि हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामान्य जोड़े के लिए सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और दिव्यांगजन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए की है। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2021 को इस योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में 3 हजार 229 बेटियों के हाथ पीले किए गए। गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में छत्तीसगढ़ के नाम यह कीर्तिमान दर्ज किया गया।

महिलाओं ने गोल्डन बुक ऑफ रिकार्ड में घर गृहस्थी के साथ संभाली आजीविका की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि निश्चित तौर पर कोरोना-कोविड-19 देश और दुनिया के लिए एक नए तरह का संकट था। इस संकट से निपटने में हमें जो सफलता मिली है, उसमें नारी शक्ति का बड़ा योगदान है। इस दौरान हमारे गांवों में खेती-किसानी का काम भी हुआ, जंगलों में वनोपज संग्रह, महात्मा गांधी नरेगा के तहत रोजगार, आंगनबाड़ी तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में महिलाओं का योगदान अभूतपूर्व रहा है। जहां तक ट्रेन व बस सुविधाएं शुरू करने का सवाल है तो हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। भारत सरकार जितनी जल्दी रेल परिवहन को सामान्य करें। राज्य सरकार के स्तर पर हम पूरा सहयोग करेंगे, वहीं प्रदेश में बस सेवाएं सामान्य करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

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