शराब तस्कर आए दिन करते हैं हमला... अब आबकारी अमले को मिलेंगे आधुनिक हथियार
शराब तस्कर आए दिन करते हैं हमला... अब आबकारी अमले को मिलेंगे आधुनिक हथियार

टीआरपी डेस्क। सरकार अब आबकारी महकमे को और मजबूत बनाने जा रही है। इन्हें नए हथियारों के साथ-साथ आईपीसी की कुछ धाराओं के तहत अवैध कारोबार करने वालों पर कार्रवाई के अधिकार भी देगी। ताकि प्रदेश में शराब के बढ़ते कारोबार और तस्करी को रोका जा सके।

सरकार ने रखा 6 हजार करोंड़ का लक्ष्य

फिलहाल विभाग के पास आबकारी एक्ट के तहत केवल जब्ती के ही अधिकार दिए गए हैं। डीजीपी डीएम अवस्थी के नेतृत्व में बनाई जाने वाली कमेटी तय करेगी कि आबकारी अमले को कौन-कौन से हथियार दिए जा सकते हैं। बता दें कि सरकार ने इस साल शराब से 6 हजार करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में आबकारी अमले को मजबूत करने की जरूरत है, जिससे वे ज्यादा सख्ती से तस्करी व अवैध शराब बिक्री पर रोक लगा सकें। सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों बजट पर हुई चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने इसकी अनुमति विभाग को दे दी है।

कार्रवाई के लिए गए 6 से 10 आबकारी स्टाफ पर 50-60 के समूह में तस्करों का हमला होता है। हाल के दिनों में तस्करों ने आबकारी अमले को जीप से कुचलने के साथ पिस्टल जैसे आधुनिक हथियारों से भी हमला किया है। हालांकि विभाग के पास रिवॉल्वर और 12 बोर की बंदूक तो हैं, लेकिन सभी आउटडेटेड हैं। रखरखाव नहीं होने के कारण चलने की स्थिति में नहीं हैं।

आबकारी को अभी है केवल जब्ती का अधिकार

आबकारी अमले को वर्तमान में धारा 341 और 2 के तहत कार्यवाही का अधिकार है। इसमें स्टाफ केवल शराब की दुकान, डिस्टलरी और गोदामों में घुसकर केवल जब्ती कर सकता है। हालांकि दो साल पहले इस पर रोक लगा दी गई है। गिरफ्तारी के बाद मुलजिम को रखने पुलिस थाने भेजना होता है। नारकोटिक्स के मामलों में पुलिस के जैसे अधिकार हैं, लेकिन उसे स्टेब्लिश करने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए अमला हाथ खींच लेता है। मसलन गांजे की जब्ती का प्रकरण आबकारी स्टाफ करता ही नहीं, क्योंकि एक केस बनाने में 6-7 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं और इसका रीइंबर्समेंट भी नहीं होता।

फिलहाल 900 का है पूरा अमला

राज्य के आबकारी अमले में कांस्टेबल से लेकर आयुक्त तक करीब 900 का अमला है। इनमें 100 उपनिरीक्षक, 37 डीईओ, 74 सहायक डीईओ, 11 सहायक आयुक्त, 6 उपायुक्त, 2 सहायक आयुक्त और शेष सिपाही शामिल हैं। तस्करों के बड़े गिरोह और उनके हथियारों के मुकाबले आबकारी विभाग के पास 3-4 रिवॉल्वर, 2 से 3 ही 12 बोर बंदूक, 7-8 हथकड़ी और 50 गाड़ियां हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि आबकारी विभाग में जल्द ही 300 जवानों की भर्ती होगी।

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