अर्द्धसैनिक बलों
संसद में गूंजा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के आवास का मुद्दा

रायपुर। राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने संसद में केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की आवास संबंधित समस्या का मुद्दा उठाया. सांसद फूलोदेवी नेताम ने कहा कि केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती दिल्ली से बाहर होती है, तब दिल्ली में दिया गया आवास 3 साल में ही खाली करा लिया जाता है.

परिवार को नहीं ले जा सकते जोखिम भरे इलाकों में

आवास खाली होने पर वे अपने बच्चों की पढ़ाई छुड़ाकर कश्मीर, नक्सल और जोखिम भरे इलाकों में परिवार को नहीं ले जा सकते. ऐसे में जवानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है.

राज्यसभा सांसद फूलादेवी नेताम ने कहा कि कभी-कभी जवानों को कई सालों तक एक ही जगह पर रूकना पड़ता है. जबकि अन्य मंत्रालयों में काम करने वाले कर्मचारी तो अपने 2 साल पूरे कर वापस दिल्ली आ जाते हैं. ऐसे में उनका आवास सुरक्षित रहता है. लेकिन इधर जवानों का परिवार सड़क पर आ जाता है.

जवानों को लगाई पेनाल्टी सही नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बल के जवान दिल्ली में आवास खाली नहीं करते हैं. ऐसे में कई जवानों को 23 से 28 हजार रूपए महीने तक की पेनाल्टी लगाई गई है. यह बिल्कुल सही नहीं हैं.

राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने केंद्र सरकार से मांग की है कि शहरी विकास मंत्रालय केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवानों के लिए कम से कम 6 साल तक आवास रखने का नियम बनाए. जिन जवानों के पेनाल्टी लगाई गई है, उसे तत्काल प्रभाव से माफ किया जाए.

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