रायगढ़। कोरोना संक्रमण के दौर में हर बच्चों के हाथ में मोबाइल है और परिजन-अभिभावक समझ रहे हैं कि बच्चे पढ़ाई में लीन है लेकिन कई बच्चे जमकर ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं। ऐसी एक दिल दहला देने वाली खबर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से सामने आई है

जहां 75,000 रुपये के कर्ज के चलते एक 17 साल के नाबालिग की हत्या कर दी गई। उस 17 साल के बच्चे का जुर्म इतना था कि उसे गेम खेलने की लत लग गई थी और अब वो कर्जा लेकर गेम खेलने लगा था।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़के ने अपने दोस्त से पैसे उधार लिए थे ताकि वो इन-गेम सामान खरीद सके लेकिन इन पैसों को वापस नहीं लौटा पाया। पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़का पांच दिनों से लापता था और सोमवार को उसका शव बरामद किया गया।
पिछले एक साल से ऑनलाइन फ्री-फायर खेलता था नाबालिग
दरअसल ये मामला रायगढ़ का है, यहां 17 साल के लक्षेंद्र खूंटे पिछले एक साल से ऑनलाइन पढ़ाई ना करके फ्री-फायर गेम खेल रहा था। लक्षेंद्र ने अपने खास दोस्त चवन दुबे से पैसे उधार लिए थे। पांच दिन पहले लक्षेंद्र और उसके दोस्त के बीच शराब पीने के दौरान किसी बात पर विवाद हुआ था।
पुलिस ने बताया कि विवाद इतना बढ़ गया कि दुबे ने लक्षेंद्र पर हाथ उठा लिया, जिसके बाद उसके सर पर गंभीर चोटें आईं। दुबे ने सोचा कि अगर लक्षेंद्र होश में आया तो वह पुलिस को सब बता देगा, इसी डर की वजह से दुबे ने लक्षेंद्र की ब्लेड का इस्तेमाल कर हत्या कर दी और उसके शव को दफना दिया।
पुलिस ने बताया कि जब हमने मामले की जांच शुरू की तो दुबे ने हमें गुमराह करने की कोशिश की। दुबे ने लक्षेंद्र के पिता को फिरौती के लिए संदेश भेजे थे। पुलिस ने बताया कि शक के आधार पर, हमने दुबे को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। पूछताछ में दुबे ने सब उगल दिया।
आरोपी हुआ गिरफ्तार
दुबे ने कहा कि लक्षेंद्र को ऑनलाइन गेम खेलने की लत थी और इस लत की वजह से वो दूसरों से कर्जा लेने लगा था। दुबे ने बताया कि लक्षेंद्र ने उससे भी पैसे लिए थे और वापस लौटाने के लिए मना कर रहा था। पुलिस ने फिलहाल भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
लक्षेंद्र के पिता जम्मू-कश्मीर में काम करते हैं और उसकी माता को मोबाइल चलाने को लेकर इतनी जानकारी नहीं थी। लक्षेंद्र फोन में लगा रहता था और सभी को यही लगता था कि वो पढ़ाई कर रहा है लेकिन किसी को इस बात की भनक तक ना लगी कि लक्षेंद्र पढ़ाई ना करके पूरा समय गेम खेलता रहता था।
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