कोरोना: राजधानी रायपुर में फिर शुरु होगा हेल्थ सर्वे, घर-घर दस्तक देकर डाटा एकत्र करेगी टीम
कोरोना: राजधानी रायपुर में फिर शुरु होगा हेल्थ सर्वे, घर-घर दस्तक देकर डाटा एकत्र करेगी टीम

रायपुर। राजधानी में तेजी से फैल रहे कोरोना को काबू करने स्वास्थ्य विभाग फिर घर-घर दस्तक देकर गंभीर मरीजों का रिकार्ड तैयार करेगा। ये भी पूछा जाएगा कि हाल के दिनों में उनके परिवार में कौन-कौन शहर या राज्य से बाहर गए थे। उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी भी ली जाएगी।

बता दें कि रायपुर में अगस्त, सितंबर अक्टूबर में जब बहुत ज्यादा केस मिल रहे थे, उस दौरान हेल्थ सर्वे किया गया। इसके तहत शहर में 900 से ज्यादा ग्रिडों में 1900 से ज्यादा हेल्थ वर्कर घर घर जाकर सर्वे किया करते थे। हेल्थ सर्वे का ये सिस्टम दिसंबर के बाद से बंद कर दिया गया, क्योंकि उस दौरान संक्रमितों की संख्या में भी अपेक्षाकृत गिरावट आ गई थी।

हर इलाके में सर्वे

इस बार भी हेल्थ सर्वे में शहर के हर इलाके में जाकर टीमें बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी के साथ-साथ, घर में बीमार, बुजुर्ग, सर्दी, खांसी, बुखार वाले लोगों और गर्भवती महिलाओं के बारे में जुटाएंगे। इस हेल्थ सर्वे में घर-घर जाकर टीमें ऑक्सीमीटर से बीमार लोगो के ऑक्सीजन लेवल और टेंपरेचर का रिकॉर्ड भी रखेगी। हर दिन इस रिकॉर्ड को हेल्थ विभाग के कंट्रोल रूम तक भेजा जाएगा, एक्टिव सर्विलांस के जरिए कोरोना संदिग्धों की पहचान की जाएगी।

रोज होगी मॉनिटरिंग

डोर टू डोर हो रहे इस सर्वे में तीन तरह के प्रपत्र बनाए गए हैं। इसमें एक प्रपत्र उन लोगों के लिए है जिन्हें सर्दी खांसी बुखार के अलावा आंख आने, डायरिया, सिर दर्द सूंघने, स्वाद नहीं आने, सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं उनका ब्योरा भी अलग रखा जाएगा।

इसमें अस्थमा के मरीजों को शामिल नहीं करेंगे। साथ ही ऐसे लोग जिन्हें टीबी, बीपी, शुगर, एचआईवी, कैंसर, हार्ट की बीमारी है, उनकी जानकारी अलग से रखी जाएगी। वहीं गर्भवती महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों के हेल्थ से जुड़े लक्षणों का ब्योरा रखा जाएगा। ऐसे लोग जिन्हें किसी तरह के लक्षण या बीमारी नहीं है, उनकी एंट्री अलग प्रपत्र में होगी।

रायपुर के 10 जोन को बांटेगे 500 ग्रिड में


रायपुर नगर निगम क्षेत्र के 10 जोन को 900 ग्रिडों में बांटकर, हर ग्रिड में 500 घरों में सर्वे किया जाएगा। हर जोन के लिए पहले की तरह ज्वाइंट कलेक्टर रैंक और राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर रहेंगे। दस इंसीडेंट कमांडर के अंडर में दस जोनों के जोन कमिश्नर समेत करीब 1900 लोगों की टीम काम करेगी।

दस जोन के 900 ग्रिडों में हर ग्रिड में पांच सौ घरों का सबग्रिड बनाया गया है। इसमें हर दिन कम से कम 50 घरों में जाकर टीमें सर्वे करके आएंगी। एक टीम के लिए 500 घरों के लिए दस दिन का टारगेट रखा गया है। हर घर में टीम शुरुआती 10 दिन में कम से कम तीन बार दस्तक देगी।

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