मूंगफली
भारत से दूसरे देशों ने खरीदी 5100 करोड़ की मूंगफली, अच्छी खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

टीआरपी डेस्क। मूंगफली की खेती से किसानों को अच्छी आमदनी हो सकती है। दरअसल, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में 711.4 मिलियन यूएस डॉलर की मूंगफली निर्यात की है. इसका मतलब हुआ कि भारत ने दूसरे देशों को करीब 5100 करोड़ रुपए की मूंगफली बेची है. भारत में मूंगफली की खेती बहुतयात में होती है और इससे किसान अच्छी कमाई भी करते हैं.

जैसा की आप जानते हैं कि मूंगफली जायद और खरीफ दोनों मौसम की फसल है. इसकी बुआई दो बार कर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. कई राज्य सरकारें मूंगफली की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए रियायत भी देती हैं. आप इनका लाभ लेकर परंपरागत खेती से ज्यादा की कमाई कर पाएंगे.

पूरे वर्ष होता है मूंगफली का प्रयोग

सबसे खास बात है कि मूंगफली का प्रयोग पूरे वर्ष अलग-अलग रूप में होते रहता है. ऐसा नहीं है कि यह साल के किसी विशेष महीने या समय पर ही इस्तेमाल की जाती हो. इस कारण से इसका महत्व और ज्यादा है. जायद के मौसम को मूंगफली के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि खरीफ के सीजन में इसमें रोग लगने की संभावना अधिक रहती है. खरीफ के मौसम में कई बार फसल प्रभावित हो जाती है, जिस कारण किसानों को काफी नुकसान होता है. लेकिन जायद के सीजन में किसान इस तरह की समस्याओं से बच जाते हैं. यहीं कारण है कि कई इलाकों में किसान खरीफ के मौसम में धीरे-धीरे मूंगफली की बुआई को कम करते जा रहे हैं.

मूंगफली की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

– अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि मूंगफली की खेती करने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना होता है. आपको बता दें कि मूंगफली की अच्छी फसल बलुअर-दोमट मिट्टी में होती है.

-सबसे जरूरी यह है कि आप जिस खेत में मूंगफली की बुआई करने की योजना बना रहे हैं, उसे कम से कम एक महीने तक खर-पतवार से मुक्त रखें.

– मूंगफली की फसल के लिए पानी बहुत जरूरी है. ऐसे में यह ध्यान रखना जरूरी है कि सिंचाई के लिए अच्छी व्यवस्था हो. किसान बताते हैं कि हर 8-10 दिन पर सिंचाई करने से मूंगफली की फसल अच्छी होती है. अगर आपके पास माइक्रो इरिगेशन की सुविधा है तो इससे बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता. माइक्रो इरिगेशन सिस्टम से सिंचाई कनरे पर लागत कम आएगी और आप ज्यादा लाभ कमा पाएंगे.

– मूंगफली की बुआई के बाद नाइट्रोजन और फास्फोरस खाद का इस्तेमाल करें. जैविक खाद के इस्तेमाल से आपकी फसल अच्छी होगी, जिससे आप ज्यादा कमाई कर पाएंगे. सरकारें भी जैविक खाद के इस्तेमाल को प्रोत्सहान दे रही हैं.

– पौधे में बीमारी लगने पर दवा का छिड़काव बेहद जरूरी है वरना फसल प्रभावित हो जाएगी. अगर बुआई के समय ही आप दवा का इस्तेमाल करेंगे तो पौधे में बीमारी की संभावना कम हो जाएगी.

सरकार से क्या मिल रही सुविधा?

मूंगफली की खेती के लिए अलग-अलग राज्यों में कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. यूपी के कुछ जिलों में आधे दाम पर बीज उपलब्ध कराई जाती है. वहीं कुछ विशेष उदेश्य से उगाई जाने वाली मूंगफली के लिए बीज मुफ्त में दिया जाता है.

मूंगफली की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय

मूंगफली की खेती के लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह से लेकर मार्च अंतिम तक को उपयुक्त समय माना जाता है. हालांकि स्थानीय कारणों से कुछ इलाकों के समय में कुछ दिनों का अंतर भी होता है.

मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य

केंद्र सरकार हर साल 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है. अक्टूबर, 2020 में घोषित की गई एमएसपी की दरों के मुताबिक, मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5275 रुपए तय किया गया है. किसानों को इस दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, जिसके बाद आप एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकते हैं.

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