कोरोना
प्रदेश के 13 खिलाड़ी लापता, कप्तान असम में और कोरोना खेल रहा अपना खेल

रायपुर। प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता देवजी भाई पटेल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की विकराल स्थिति निर्मित हो चुकी है, औसतन प्रतिदिन 4 से 5 हजार नागरिक संक्रमित हो रहे हैं वहीं मौत के आंकड़े भी भयावक है.

सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था का आलम

जहां कोरोना की प्रारंभिक दौर में ग्रामीण क्षेत्र अछूते रहें , वही आज 70 फीसदी से अधिक गांव में कोरोना का संक्रमण अपनी दस्तक दे चुका है। शासन प्रशासन महज पत्राचार तक सीमित है । ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ना तो समुचित रूप से टीकाकरण हो रहा है ना कोरोना की जांच हो रही है, वही सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था का आलम है।

मौतों के आंकड़े भयावह

ग्रामीण जीवन अब दहशत भरी हो गई है, एक ही परिवार के समूचे लोग संक्रमित हो रहे हैं, परंतु ना तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा है और नहीं दवाइयां उपलब्ध हो रही है। एक-एक करके मौतों का आंकड़ा बढ़ते चले जा रहा हैं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का दिशा निर्देश अखबारों में केवल समाचार बनकर रह गया , उनकी निर्देशों का पालन कराने में ना तो विभागीय अधिकारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं, नहीं जिला प्रशासन के जिम्मेदार। सोशल डिस्टेंसिंग जैसी व्यवस्था को भी नजरअंदाज करना भारी दुर्भाग्य जनक है, आखिर एकाएक कोरोना संक्रमण का कहर और कैसे बढ़ा. आखिर रोकथाम में कहां चूक हुई? इस गंभीर परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं की गई. किसी भी दिशा में सरकार और सरकार के नुमाइंदों की दिलचस्पी नहीं है ।

गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन

वहीँ, रायपुर राजधानी का ही हाल बेहाल है कहीं भी गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है । हाट बाजार दुकानों शराब की दुकानों की भीड़ आम तौर पर देखा जा सकता है । देवजी भाई ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश कोरोना से सिहर उठा है।

प्रदेश का हाल बेहाल

प्रदेश के मुखिया जिला प्रशासन से बैठक कर एवं कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंप कर खुद असम चुनाव में व्यस्त हैं उन्हें प्रदेश की कोई चिंता नहीं है , और ना ही प्रशासनिक अमला स्वास्थ्य मंत्री के दिशा निर्देशों का पालन कर रहा है ऐसा हमारे प्रदेश की हाल बेहाल हो चुका है । गांव गांव में परिवार के लोग संक्रमित हो रहे हैं ,मौतें हो रही हैं , मगर इसके आंकड़े जिला प्रशासन तक नहीं पहुंचाएं जा रहे है । अभी विषम परिस्थिति है यदि समय रहते कारगर उपाय नहीं किए गए तो परिणाम भयावह होने से कोई नहीं रोक सकता ।

नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही

कलेक्टरों के नाक के नीचे पूरे प्रशासन व्यवस्था के सामने शराब की दुकानों में धड़ल्ले से भीड़ और सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं , नाइट कर्फ्यू के नाम से केवल वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है । रेस्टोरेंट बार होटलों में लोगो की भीड़ सामान्य दिख रही है, किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है । हालात ऐसे ही रहे तो प्रदेश की स्थिति और भयावह हो जाएगी जिस प्रकार प्रधानमंत्री के निर्देश पर पिछले वर्ष पूर्ण लॉक डाउन से जो राहत प्रदेशवासियों को मिली थी पर अभी लॉकडाउन नहीं होने से प्रदेश की हालत खराब हो रहे हैं ।

अगर वाकई राज्य के नागरिकों की चिंता है तो जिला प्रशासन एवं अधिकारी कलेक्टर अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपने अपने जिला में पूर्व की भांति लॉक डाउन एवं शराब या अन्य दुकानों की भीड़ को नियंत्रित करें। साथ ही शराब दुकान को बंद कर दिया जाए ।

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