कोरोना अनुदान सहायता राशि

रायपुर। प्रदेश के निजी अस्पताल कोरोना से मरीज की मौत के बाद शव को सुरक्षित रखने के लिये अब मृतक के परिजनों से कोई रकम नहीं लेंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हास्पीटल बोर्ड ने इसका फैसला किया है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के शव को सुरक्षित रखने के लिये अधिकतम 2500 रुपये लेने की अनुमति दी थी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु की स्थिति में शव को सुरक्षित बैग में रखने के लिये 2500 रुपये लेने की अनुमति दी थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हॉस्पीटल बोर्ड के सामने यह राशि भी नहीं लेने का प्रस्ताव रखा गया था। उसे सभी ने स्वीकार कर लिया है।

दिसम्बर 2020 में जारी हुआ था आदेश

स्वास्थ्य विभाग ने दिसम्बर 2020 में कोरोना मरीजों की मौत के बाद शवों को सुरक्षित रखने, स्टोरेज और मैनेजमेंट के लिये अधिकतम 2500 रुपये ही लेने का आदेश जारी किया था। स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि निजी अस्पताल मृतक के परिजनों से अत्यधिक राशि ले रहे हैं। इसको रोकने के लिये ही अधिकतम 2500 रुपये ही लेने का आदेश दिया था।

विपक्ष के निशाने पर था यह आदेश

आदेश सामने आने के बाद से ही विपक्ष हमलावर था। भाजपा नेताओं का कहना था, सरकार मरने के बाद भी कोरोना मरीजों से पैसा वसूल रही है। पिछले एक पखवाड़े से यह हमला अधिक तेज हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कहना पड़ा था, इस आदेश का परीक्षण किया जाएगा।

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