टीआरपी डेस्क। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है। कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई करने का आदेश दिया है।

अस्पतालों में गड़बड़ाने लगी स्वास्थ्य सुविधाएं

बता दें कि देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर खौफनाक होती जा रही है। बीते 24 घंटे में तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी गड़बड़ाने लगी है। कई राज्यों ने केंद्र से ऑक्सीजन की मांग की थी, इसी को देखते हुए पिछले दिनों  इम्पावर्ड ग्रुप 2 ने ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा मांग वाले 12 राज्यों की मैपिंग की थी। जिसके बाद गुरुवार को गृह मंत्रालय की ओर से ऑक्सीजन सप्लाई करने का आदेश दिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का सामने आया बयान

इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों के बीच चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे परिवहन निगमों को ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों की मुक्त अंतरराज्यीय आवाजाही की इजाजत का आदेश दें। बयान के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों पर कोई पाबंदी नहीं है, आपूर्तिकर्ता जिस राज्य में स्थित हैं सिर्फ वहीं के अस्पतालों को जीवन रक्षक गैस की आपूर्ति करेंगे।

मेडिकल ऑक्सीजन की कमीं न हों

अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का हर प्रयास कर रही है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत किसी भी राज्य के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी न हो।

मंत्रालय ने कहा है कि ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों को कोई प्राधिकार जब्त न करे। अगर ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा पहुंचती है तो संबंधित जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे। मंत्रालय ने कहा कि इम्पावर्ड ग्रुप ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति को प्रतिबंधित रखने की सिफारिश की है, जिससे कि अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। ग्रुप ने 22 अप्रैल से नौ विशिष्ट उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों को ऑक्सीजन आपूर्ति प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है। इन सिफारिशों को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है।