टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय में 29 अप्रैल 2021 को न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की बेंच में SLP number 6589-6590/2022 के माध्यम से शारदा ऑफसेट को पाठय पुस्तक निगम द्वारा 2 जनवरी 2021 को काली सूची में डाले जाने के विरुद्ध याचिका में सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे एवं साथी अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय,शशांक ठाकुर, ए. वही श्रीधर एवं हिमांशू सिन्हा ने पैरवी की।।अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि पाठय पुस्तक निगम और शारदा ऑफ़्सेट के बीच अनुबंध की जिस कंडिका के तहत काली सूची में डाला गया,वो कंडिका कानूनी प्रावधानों के विपरीत होने तथा शारदा ऑफसेट के विरुद्ध पाठय पुस्तक निगम द्वारा बिना उचित सुनवाई के मौका दिए काली सूची में डाला गया जो कि विधि विरुद्ध है।

न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए,पाठय पुस्तक निगम को नोटिस जारी कर जवाब की मांग की है तथा पाठय पुस्तक निगम छत्तीसगढ़ द्वारा शारदा ऑफसेट को द 02 जनवरी 2021 को काली सूची में डाले जाने वाले आदेश पर स्थगन दिया।

पूर्व में 13 अप्रैल 2021 को उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायमूर्ति गौतम भादुरी की एकलपीठ के द्वारा शारदा ऑफसेट के काली सूची में डाले जाने के विरुद्ध प्रस्तुत याचिका wpc 1297/2021 में 13 अप्रैल 2021 को याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत प्रदान करने से मना किया गया था, जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता को सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा तथा उपरोक्त स्थगन आदेश प्राप्त किया गया। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सम्पूर्ण परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए पाठय पुस्तक निगम द्वारा शारदा ऑफ़्सेट को काली सूची में डाले जाने के आदेश क्रियान्वयन पर स्थगन आदेश पारित किया है |