प्रशांत किशोर

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रबंधन का अपना पेशा छोड़ने का फैसला किया है। बंगाल विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद पीके ने यह ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वह अब कुछ और करना चाहते हैं।

बंगाल और तमिलनाडु में किया था चुनावी प्रबंधन

  • प्रशांत किशोर ने कहा कि वह इलेक्शन मैनेजमेंट और IPAC छोड़ रहे हैं क्योंकि अब वह कुछ और करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अपने चुनावी प्रबंधन में लड़े गए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और डीएमके की जीत से काफी खुश हैं। इसके अलावा उनका यह दावा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सीटें सिर्फ दहाई अंकों में सिमट जाएगी, के भी सच साबित होने से उन्हें काफी खुशी है।


दहाई में सिमट रही बीजेपी

  • प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे सामने आने से पहले दावा किया था कि अगर बीजेपी 100 से ज्यादा सीटें लेकर आती है तो वह अपना काम छोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी की सीटें दहाई अंकों में ही सिमटकर रह जाएंगी। सामने आ रहे रुझानों में पीके का दावा सही होता दिखाई दे रहा है। बीजेपी को 80-85 के बीच सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। पीके ने कहा कि उनका यह दावा सही होने के बाद भी वह अब इस क्षेत्र में और काम नहीं करना चाहते।

क्या कहा था प्रशांत किशोर ने?


  • प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर बीजेपी बंगाल में 100 से ज्यादा सीटें जीती, मैं नौकरी छोड़ दूंगा, मैं आईपीएसी (IPAC) भी छोड़ दूंगा। मैं कुछ और करूंगा लेकिन ये नहीं। प्रशांत किशोर ने कहा था कि मैं यह काम छोड़ दूंगा और आप मुझे आगे किसी और राजनीतिक अभियान के लिए काम करते नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा था, ‘बंगाल में मेरे पास कोई एक्सक्यूज नहीं है और दीदी ने मुझे मेरे काम में काफी आजादी दी, जैसा मैं चाहता था। अगर मैं बंगाल हारा, मैं यह मान लूंगा कि मैं इस जॉब के लिए फिट नहीं हूं।’

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