राज्य के वैक्सीन नीति पर भाजपा ने उठाया सवाल, कहा- क्या रेमडेसिविर की तरह टीका की भी कालाबाजारी चाहती है राज्य सरकार?
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टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ में 18 से 45 आयुवर्ग के लोगों के टीकाकरण पर सियासी बहस शुरू हो गई है। एक ओर जहां भाजपा ने टीकाकरण के लिए श्रेणी बनाने का विरोध किया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी भाजपा के विरोध को गरीब विरोधी बताकर पलटवार किया है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बाद अब रायपुर सांसद सुनील कुमार सोनी ने भी साफ तौर पर राज्य सरकार की वैक्सीन नीति का विरोध किया है।

छत्तीसगढ़ की जनता के साथ राजनीति

बता दें, सोनी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुुख्यमंत्री और उनके मंत्री, विधायक खुद वैक्सीन लगवाकर छत्तीसगढ़ की जनता के साथ राजनीति कर रहे हैं। राज्य सरकार ने लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए तरसा दिया था। क्या अब वैक्सीन भी बेचना चाहती है राज्य सरकार? प्रदेश सरकार? वैक्सीन को लेकर पहले प्रदेश सरकार ने भ्रम फैलाया और खुद भी भ्रमित रहे, जिसके कारण आज छत्तीसगढ़ पीछे है। इसके साथ ही सोनी ने आगे पूछते हुए कहा कि क्या रेमडेसिविर की तरह टीका की भी कालाबाजारी चाहती है राज्य सरकार?

राज्य संसाधनों पर पहला हक गरीबों का

वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम के निर्णय का भाजपा द्वारा विरोध किया जाना भाजपा का गरीब विरोधी चरित्र उजागर करता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाने की घोषणा की। सरकार ने वैक्सीन लगाने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन छत्तीसगढ़ को पर्याप्त मात्रा में टीका नहीं मिला। मुख्यमंत्री बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टीका की मांग की, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि राज्य में 18 से 44 वर्ष की आयु वाले सवा करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगनी है। जब राज्य को मांग के अनुरूप टीके नहीं मिले, तब टीके लगाने में प्राथमिकता तय करना जरूरी हो गया। मुख्यमंत्री बघेल ने प्राथमिकता तय करते हुए पहले अंत्योदय कार्डधारियों को टीके लगवाने का संवेदनशील और मानवीय निर्णय लिया है। लोक कल्याणकारी राज्य में संसाधनों पर पहला हक उस राज्यों के गरीबों का होता है।

भारतीय जनता पार्टी के नेता गरीबों को पहले टीका लगाने में आपत्ति व्यक्त कर अमानवीय आचरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह भाजपा की स्तरहीन राजनीति है। आर्थिक रूप से सक्षम लोग निजी अस्पतालों में 600 और 1200 रुपये देकर भी टीका लगवा सकते हैं। भाजपा द्वारा अंत्योदय कार्डधारी गरीबोें को पहले टीका लगाए जाने को टीके में आरक्षण बताया जाना और उसे जाति से जोड़कर प्रस्तुत करना भाजपा की गंदी राजनीति है। यह विशुद्ध रूप से व्यवस्था बनाने के लिए प्राथमिकता तय की गई है।

कोरोना को लेकर राज्य सरकार की नीयत साफ नहीं

सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार की नीयत साफ नहीं है और नीति स्पष्ट नहीं है। केंद्र सरकार ने 50 लाख लोगों का टीकाकरण करवाया। राज्य सरकार केवल डेढ़ लाख वैक्सीन मंगवाकर जनता के साथ राजनीति कर रही है। छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक एक समान हैं। ऐसे में नीला-पीला, गुलाबी कार्ड का खेल राज्य सरकार न खेलें।

वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है, जिसका अधिकार छत्तीसगढ़ के प्रत्येक व्यक्ति को है, चाहे वह गरीब, मध्यम या किसी भी वर्ग का हो। राज्य सरकार अपना राजनीतिक लाभ ढूंढ रही है। राज्य सरकार की कुंठित मानसिकता और राजनीतिक लाभ के लिए किया गया यह निर्णय पूर्णत: जनता विरोधी है।

कांग्रेस का भाजपा पर पटलवार

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा कि प्रदेश को पर्याप्त मात्रा में टीका मिले, इसके लिए भाजपा सांसदों ने क्या प्रयास किया। क्या प्रधानमंत्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सांसदों ने चर्चा की। टीका का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है। जब मोदी सरकार ने देश के युवाओं से छिनकर साढ़े पांच करोड़ टीका विदेश भेजा तब भाजपा सांसद सुनील सोनी ने क्यों विरोध नहीं किया।

जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने नागरिकों के लिए पर्याप्त टीका की मांग केंद्र सरकार से की, तब यही भाजपा सांसद जनता के पक्ष में नहीं, बल्कि मोदी सरकार की तरफदारी करते नजर आए। सोनी को चाहिए कि वह मोदी के सामने सीना ठोककर खड़े हो और छत्तीसगढ़ के युवाओं के हित की बात करें। राज्य सरकार के द्वारा मांगी गई 50 लाख डोज वैक्सीन की छत्तीसगढ़ को तत्काल दिलाने की मांग करें।

बता दें इससे पहले प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी शनिवार को कहा कि सरकार को राजनीति छोड़कर जहां संक्रमण ज्यादा है, ऐसे हिस्सों को चिन्हित कर वहां टीकाकरण करना चाहिए। पत्रकार और सामने रहकर काम करने वालों को भी टीका लगाए जाने पर उन्होंने जोर दिया।

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