खबर..खबर..खबर: कोरोना वायरस से रिकवर होने के बाद बदलें अपना टूथ ब्रश, वरना दोबारा हो सकते हैं शिकार
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नई दिल्ली। अक्टूबर-नवंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने के आसार ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे ने कोविड की तीसरी स्टैन को सही बताया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चिंतित है।


देश में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर आने वाली है। सरकार को अब इसके तीसरी लहर का डर सताने लगा है। सवाल उठने लगा है कि कोविड का तीसरा स्टेज ना जानें किया घातक होगा। यहां तक की वैक्सीन लगातर इसके प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर चर्चाएं हो रही हैं। डॉक्टर शेखर मांडे ने कहा, तीसरी लहर से बचा जा सकता है, क्योंकि हमारे पास वैक्सीन है।

डॉ. मांडे ने कहा कि बड़ी जनसंख्या को जल्द टीका उपलब्ध कराने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया में कई वैक्सीन आ गई है। उनका उत्पादन तेज करने के प्रयास शुरू हो गया है। यहां तक की कई टीके अंतिम चरण में है। सभी वैक्सीन मिलकर जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगी।

इस आधार पर तैयार किया गया है आंकलन

एसबीआई की ताजा इकोरैप रिपोर्ट भी डॉ. मांडे के दावे का समर्थन करती है। इस रिपोर्ट को विभिन्न देशों में टीकाकरण के अनुभवों के आधार पर तैयार किया गया। जिसमें दावा किया गया है कि किसी भी देश में 15 से 20 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज लग जाने पर संक्रमण की रफ्तार को काबू किया जा सकता है।

कम से कम 30 फीसदी आबादी के वैक्सीनेशन से हो सकती रोकथाम

एसबीआई ने भारत में टीका के प्रोडक्शन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की तैयारियों के आधार पर अक्टूबर तक करीब 105 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध होने का दावा किया। कई अन्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि 2 से 3 महीनों में कम से कम 30 फीसद आबादी को दोनों डोज लगाना होगा।

नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि पहली लहर का पीक सितंबर में आया था। दूसरी लहर की शुरुआत फरवरी से शुरू होकर मई में पीक तक जाने के आसार हैं। उसके बाद तीसरी लहर की शुरुआत होगी।

अरोड़ा के मुताबिक अक्टूबर तक देश की बड़ी संख्या को टीका लग चुका होगा। उन्होंने का कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों गेमचेंजर साबित होंगी। इनका उत्पादन कम समय में काफी बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।