बंगाल हिंसा
बंगाल हिंसा के विरोध में भाजपा ने दिया धरना, नेता अपने घरों के बाहर बैठे धरने पर

रायपुर। पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर छत्तीसगढ़ बीजेपी ने आज धरना प्रदर्शन किया. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया है. टीएमसी ने लोकतंत्र की हत्या की है. बीजेपी ने ममता बनर्जी पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है.

लॉक डाउन के चलते निवास पर दिया धरना

रायपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने निवास पर धरने पर बैठे। उनके साथ पूर्व मंत्री राजेश मूणत , राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने धरना दिया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि यह धरना ममता की तानाशाही प्रवृत्ति का विरोध है. हिंसा का तांडव जो बंगाल में चल रहा है, यह उसका विरोध है. टीएमसी के गुंडों को जिस तरह खुली छूट दे दी गई है ये उसका विरोध है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है. मकान जलाए जा रहे हैं. दुकानों को लूटा जा रहा है. ये विभत्स सीन देश देख रहा है. क्या स्थिति बन गई है ? आज तक देश में किसी चुनाव के बाद ऐसी स्थिति नहीं बनी थी, जैसे पश्चिम बंगाल में बन गई है.

जीत के बाद उदारता की बजाय हिंसा पर उतारू हैं ममता : बृजमोहन

पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल भी अपने निवास पर धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोमहर्षक घटनाएं घट रही है. इस धरने के जरिये हम यह बता रहे हैं कि पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ता अकेले नहीं है. हम उनके साथ है. ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिये. ममता बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या करा रही हैं. चुनाव में हार जीत होती है, लेकिन जीत के बाद व्यक्ति को उदार होना चाहिए.

सांसद सोनी ने तिल्दा में दिया धरना

रायपुर सांसद सुनील सोनी ने तिल्दा में धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी राजनीतिक हिंसा करवा रही है. बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है. इसे लेकर प्रदर्शन किया गया.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के विरोध में भाजपा ने आज यानि 5 मई को देशभर में धरना प्रदर्शन किया. इसी मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में भी धरना प्रदर्शन हुए। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए भाजपा नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने अपने घरों के बाहर धरने पर बैठे।