टीआरपी डेस्क। देश में कोरोना (Corona in India) की दूसरी लहर का कहर बरस रहा है। रोजाना तीन लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं। लोग ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अस्पतालों में बेड के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहे हैं और बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। ऐसे में देश में कोरोना की तीसरी लहर आने के संभावना जताई जा रही है। इसी बीच भाजपा के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार सुबह को एक ट्वीट कर PM मोदी से यह मांग की है कि PMO पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए और कोरोना से लड़ाई की बागडोर नितिन गडकरी को सौंप दिया जाना चाहिए।
India will survive Coronavirus Pandemic as it did Islamic invaders and British Imperialists. We could face one more wave that targets children unless strict precautions now are taken. Modi should therefore delegate the conduct of this war to Gadkari. Relying on PMO is useless
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 5, 2021
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है भारत ने जिस तरह इस्लामी आक्रमणकारियों और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ जंग जीता था उसी तरह इस बार भी कि भारत कोरोना के खिलाफ जंग जीतेगा। उन्होंने आगाह किया है कि भारत में एक और कोरोना की लहर आ सकती है, जिसमें बच्चे और अधिक खतरे में होंगे। ऐसे में जरूरी कड़े कदम उठाने होंगे। ऐसे में कोरोना से जंग का जिम्मा PM मोदी को नितिन गडकरी को सौंप देना चाहिए। PMO पर निर्भर रहने से काम नहीं चलने वाला है।
नितिन गडकरी का नाम ही क्यों आया?
जब सोशल मीडिया में इस ट्वीट पर खूब चर्चा होने लगी और लोगों ने पूछना शुरू किया कि आखिर सुब्रमण्यम स्वामी नितिन गडकरी का ही नाम क्यों ले रहे हैं तो जवाब में खुद सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा कि कोरोना से निपटने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फ्रेमवर्क की सख़्त ज़रूरत है, जिसमें नितिन गडकरी अपनी योग्यता सिद्ध कर चुके हैं। लोगों ने जब यह सवाल किया कि उन्होंने PMO पर निशाना क्यों साधा है? तो जवाब में स्वामी ने कहा कि पीएमओ पर निशाना साधने का मतलब पीएम पर निशाना साधना नहीं होता। पीएमओ एक विभाग है यह स्वयं पीएम नहीं है।
परफॉरमेंस देने में नंबर वन हैं गडकरी
नितिन गडकरी मोदी सरकार के सबसे ज्यादा परफॉरमेंस देने वाले मंत्री के तौर पर माने जाते हैं। प्रशासनिक मामलों में पकड़ और दी गई डेडलाइन में काम खत्म करने की उनकी योग्यता विपक्षी नेताओं ने भी कई बार खुले तौर पर कबूल की है। हाइवे, फ्लाइओवर, पुलों के निर्माण का मामला हो, इथेनॉल में इंधन बनाने और गाय के गोबर से पेंट निर्माण कर गांवों में रोजगार पैदा करने की बात हो, टोल टैक्स का मसला हो, पेट्रोल-डीजल की बजाए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने का मामला हो, नदियों की सफाई और डैम बनाने का मसला हो, यानी कई विभागों में अपनी कार्यशैली से नितिन गडकरी ने अपने काम का लोहा मनवाया है। यानी नितिन गडकरी द्वारा किसी भी काम को लेकर उसे अंजाम तक पहुंचाने की योग्यता का सही इस्तेमाल कोरोना से उपजी चुनौतियों से निपटने में भी की जाए यह मांग सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी से की है।