कोरोना संक्रमित
 छत्तीसगढ़ के इस जिले में कोरोना संक्रमितों के तालाब के प्रयोग पर पाबंदी, जानें क्यों?
 बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी डा. सारांश मित्तर ने ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेट मरीजों के लिए तालाब जाने पर रोक लगा दी है। साथ ही अधिकारियों को गांवों में कोटवार के जरिए मुनादी कराने व संक्रमितों पर नजर रखने की भी हिदायत दी गई है।
कोरोना की दूसरी लहर ने ग्रामीण क्षेत्रों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है। संक्रमण का शिकार होने के बाद अधिकांश ग्रामीण होम आइसोलेट होकर अपना इलाज करा रहे हैं। दूसरी ओर अब भी अधिकांश ग्रामीण सुबह और शाम नित्य क्रिया-क्रम के लिए तालाब पहुंचते हैं।
प्रशासन को जानकारी मिल रही थी कि होम आइसोलेशन संक्रमित भी तालाब आ रहे हैं। संक्रमितों के तालाब में नहाने, मंजन करने और इस दौरान कुल्ला करने से कोरोना वायरस पानी में चला जाता है। इससे तालाब में नहाने वालों अन्य लोगों के संक्रमण होने का खतरा है। कलेक्टर डा. मित्तर ने बताया कि खतरे को देखते हुए संक्रमितों के तालाब में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पड़ताल के बाद मिली जानकारी

स्वास्थ्य की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का फैलाव तेजी के साथ हो रहा है। इस संबंध में कलेक्टर डा. मित्तर को रिपोर्ट सौंपी गई थी। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम बनाकर इसकी जांच कराई। इसमें पता चला कि होम आइसोलेट संक्रमित घर के बजाय निस्तारी के लिए तालाब जा रहे हैं। ग्राम पंचायत द्वारा मनाही के बाद भी इनकी आवाजाही बनी हुई है।

पानी में जिंदा रहता है वायरस

चिकित्सकों की रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी में वायरस जिंदा रहता है और लोगों पर संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। इसके आधार पर संक्रमितों के तालाब जाने पर पाबंदी लगाने के अलावा इसकी निगरानी के लिए कलेक्टर ने ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व पंचों की अगुवाई में निगरानी समिति का गठन कर दिया है।