बड़ी खबर- Central Vista Project पर स्टे से दिल्ली हाईकोर्ट ने किया इनकार, याचिकाकर्ता पर लगाया 1 लाख रु. का जुर्माना

नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के निर्माण का बचाव किया। केंद्र ने कहा कि मजदूर इस काम में कोरोना कर्फ्यू से पहले ही जुट गए थे। निर्माण कार्य में लगे सभी मजदूरों का हेल्थ इंश्योरेंस है और निर्माण साइट रहने समेत तमाम कोरोना बचाव संबंधी सुविधाएं भी हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा कि अदालत में याचिका झूठ के आधार पर दायर की गई है। अब इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी। बता दें कि इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसी ही एक याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फिलहाल दखल देने से मना कर दिया था।

बता दें कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन, एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।

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