खर्चीला है ब्लैक फंगस का इलाज : एक मरीज को 150 इंजेक्शनों की पड़ती है जरूरत, 25 दिन तक रोजाना लगाए जाते हैं छह इंजेक्शन 
खर्चीला है ब्लैक फंगस का इलाज : एक मरीज को 150 इंजेक्शनों की पड़ती है जरूरत, 25 दिन तक रोजाना लगाए जाते हैं छह इंजेक्शन 

रायपुर/भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई सेक्टर-1 निवासी एक युवक की ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस से मौत हो गई। प्रदेश में ब्लैक फंगस से मौत का ये पहला मामला है। कोरोना को मात देने के बाद युवक ब्लैक फंगस की चपेट में आया था। उसे दिखाई देना भी बंद हो गया था।

युवक का भिलाई स्टील प्लांट (BSP) के सेक्टर-9 अस्पताल में पिछले करीब 6 दिनों से इलाज चल रहा था। इससे पहले उसे रायपुर के एक निजी अस्पताल में बीमारी होने के बाद भर्ती कराया गया था।

पहले रायपुर में हुआ इलाज

भिलाई के सेक्टर-1 सी मार्केट में रहने वाले वी श्रीनिवास राव (35 वर्ष) को ब्लैक फंगस की शिकायत होने के बाद रायपुर के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया। शुरू में आंखों में दर्द था। इसके बाद उनको दिखना बंद हो गया।

वहां करीब उनका चार दिनों तक इलाज किया गया। इसके बाद वहां से BSP के सेक्टर-9 अस्पताल में रेफर किया गया। यहां करीब 6 दिनों तक डाक्टरों ने तमाम कोशिश की, बावजूद उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो हुआ। आखिर में उनकी 11 मई को मौत हो गई।

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का संक्रमण

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस ने पैर पसारने शुरू कर दिया है। CMHO डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि ब्लैक फंगस से भिलाई निवासी एक व्यक्ति की मौत हुई है, जो BSP के सेक्टर-9 अस्पताल में भर्ती था।

जिले में ओर कितने मामले है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। हमें जानकारी मिली है कि कुछ ओर लोग भी ब्लैक फंगस से पीड़ित हैं, जिनका इलाज AIIMS रायपुर में किया जा रहा है।

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