कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन लगने के बाद दिखने वाले इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

टीआरपी डेस्क। भारत में कोरोना की दूसरी लहर जमकर कहर बरपा रही है। वहीँ, ब्रिटेन और कई अन्य देशों की तरह अब भारत में भी कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद रक्त स्राव और खून के थक्के जमने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

एडवाइजरी में की गई लोगों से अपील

अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थकेयर वर्कर्स और वैक्सीन लेने वालों के लिए वैक्सीन के साइड-इफेक्ट को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में लोगों से अपील की गई है कि वे टीका लेने के 20 दिन के भीतर ब्लड क्लॉट्स यानी खून के थक्के जमने के लक्षणों की पहचान करें और अगर कोई गंभीर लक्षण दिखता है तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट करें।

एडवाइजरी के मुताबिक, कोई भी वैक्सीन (खासकर कोविशील्ड) लेने के बाद अगर आपको शरीर में सूजन, छाती में दर्द, बिना उल्टी के पेट दर्द, तेज सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण दिखें, तो टीकाकरण केंद्र पर जाकर उसकी रिपोर्ट जरूर करें।

लाल रंग के धब्बे दिखे तो हो जाएँ अलर्ट

एडवाइजरी के मुताबिक, अगर आपको इंजेक्शन लगने वाली जगह के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल रंग के धब्बे नजर आ रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। ये ब्लड क्लॉट्स के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको माइग्रेन की समस्या नहीं है, लेकिन उसके बावजूद तेज सिर दर्द हो रहा है, तो टीकाकरण केंद्र पर इसकी रिपोर्ट भी करनी जरूरी है।

कोरोना वैक्सीन लगने के बाद अगर आपको कमजोरी हो रही है, बिना किसी कारण के लगातार उल्टी हो रही है, आंखों में दर्द है या धुंधला दिख रहा है, शरीर के किसी अंग ने काम करना बंद कर दिया है, तो ये समस्याएं बेहद ही गंभीर हैं। इसलिए टीकाकरण केंद्र पर मौजूद हेल्थकेयर वर्कर्स को इस लक्षणों के बारे में जानकारी दें।

वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर गठित राष्ट्रीय समिति ने कहा है कि देश में ब्लड क्लॉट के बहुत कम मामले कोविशील्ड वैक्सीन से जुड़े हो सकते हैं। समिति के मुताबिक, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की प्रति 10 लाख खुराक पर खून के थक्के जमने के सिर्फ 0.61 फीसदी मामले ही देखने को मिले हैं।

एक भी मामला अभी तक दर्ज नहीं

एडवाइजरी के मुताबिक, वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने का खतरा यूरोपीय मूल के व्यक्तियों की तुलना में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई मूल के व्यक्तियों में लगभग 70 फीसदी कम होता है। राष्ट्रीय एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटना) समिति का कहना है कि कोवैक्सीन टीका लगाने के बाद खून के थक्के जमने का एक भी मामला अभी तक दर्ज नहीं किया गया है।

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