कोरोना मरीजों को जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड देना ब्लैक फंगस का कारण ? जानिए एक्सपर्ट की राय
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टीआरपी डेस्क। देश में एक तरफ कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ फंगल इन्फेक्शन म्यूकर माइकोसिस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके पीछे स्टेरॉयड (Steroid) का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल एक बड़ी वजह बताई जा रही है।

डॉक्टरों का मानना है कि जिन कोरोना मरीजों को जरूरत से ज्यादा देश में एक तरफ कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ फंगल इन्फेक्शन म्यूकर माइकोसिस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके पीछे स्टेरॉयड (Steroid) का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल एक बड़ी वजह बताई जा रही है। दी गई है। उनमें ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है। ऐसे में कोरोनावायरस का इलाज करते करते कहीं steroids आपको भी बीमार तो नहीं कर रहे। यह जानना हम सब के लिए बहुत जरूरी है।

स्टेरॉयड के साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस

जानकारी अनुसार हाल ही में एक महिला को कोरोना वायरस की बीमारी हुई थी। सीटी स्कैन कराने पर पता चला कि उस महिला को म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) नाम का फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection) भी हो गया है। अब डॉक्टर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शुरुआत में ही स्टेरॉयड देने की वजह से तो इस महिला को ऐसे गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हो गए।

LNJP अस्पताल के एमडी डॉक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल कम होना चाहिए। अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90 के करीब है और आप उसे काफी स्टेरॉयड दे रहे हैं, तो इसका एक साइड इफेक्ट ब्लैक फंगस भी हो सकता है। इस बीमारी का जल्दी पकड़ में आना बहुत जरूरी है। सीटी स्कैन के जरिए इस इन्फेक्शन का पता लगाया जा सकता है। अभी के लिए Amphotericin नाम का ड्रग ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जा रहा है।

स्टेरॉयड एक दो धारी तलवार 

वहीं स्टार इमेजिंग लैब के डायरेक्टर समीर भाटी कहते हैं कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के इलाज के दौरान कई मरीजों को पहले दिन ही स्टेरॉयड (Steroid) लेने की सलाह दे दी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक स्टेरॉयड एक दो धारी तलवार है। अगर सही समय पर इसका इस्तेमाल किया जाए तो कोरोनावायरस का मरीज ठीक हो सकता है। वहीं अगर इसे बिना जरूरत दे दिया जाए तो इसके बहुत से ऐसे नुकसान है। जो किसी को जीवन भर भी झेलने पड़ सकते हैं।

बिना जरूरत स्टेरॉयड का हो रहा इस्तेमाल

इसके साथ ही फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक सेठ कहते हैं कि 80% मरीजों को स्टेरॉयड (Steroid) की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि भारत में इस वक्त ज्यादा मरीज ऐसे हैं जो बिना जरूरत के स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक अगर 5 से 7 दिन में बुखार ठीक न हो रहा हो और ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही हो। ऐसे में कुछ ब्लड टेस्ट में लेवल अगर बहुत ज्यादा ऊपर नीचे हो तब ही डॉक्टर स्टेरॉयड लेने की सलाह देनी चाहिए। स्टेरॉयड की लो डोज देकर उसे धीरे धीरे कम करके बंद किया जाता है।

स्टेरॉयड के इस्तेमाल से मांसपेशियों में कमजोरी 

डॉ. अशोक सेठ बताते हैं कि पहले दिन से ही स्टेरॉयड देने से नुकसान होता है। स्टेरॉयड (Steroid) के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से मांसपेशियां कमजोर पड़ सकती हैं और ब्लड शुगर अनियंत्रित हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। फंगल इंफेक्शन म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) के पीछे भी Steroids का इस्तेमाल वजह बताई जा रही है।

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