अनुकम्पा नियुक्ति

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों में अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत के सीमा बंधन को शिथिल किए जाने के अनुमोदन को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका लाभ बरसों से नौकरी का इंतजार कर रहे आश्रितों के अलावा कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मियों के बच्चों को भी मिलेगा। प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

सी एम हाउस में आयोजित इस बैठक में राज्य में तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने हेतु 10 प्रतिशत के सीमा बंधन को 31 मई 2022 तक के लिए शिथिल किए जाने का अनुमोदन किया गया। दरअसल राज्य के किसी भी विभाग में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर जब भी भर्ती की जाती है, तब उसमे कुल पदों का केवल 10 प्रतिशत सीट अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आरक्षित होता है। ऐसे में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आश्रितों को लम्बा इन्तजार करना पड़ता है। वर्तमान में कोरोना काल में सैकड़ों कर्मचारियों की असमय मौत से अनुकम्पा नियुक्ति की प्रतीक्षा सूची और भी लम्बी हो जाएगी। यही वजह है कि प्रदेश के कर्मचारी संगठन अनुकंपा के लिए 10 प्रतिशत सीटों की बाध्यता को शिथिल करने की मांग कर रहे थे।

लोगों की जिंदगी बन जाएगी : विजय झा

प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विजय झा ने इस मुद्दे पर TRP न्यूज़ से चर्चा करते हुए कहा कि कैबिनेट के इस फैसले से कई लोगों की जिंदगी बन जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में हज़ारो पद अभी खली हैं मगर भर्तियां नहीं होने के चलते दिवंगत कर्मियों के आश्रितों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था, अब सीटों की बाध्यता शिथिल होने के चलते आश्रितों को लम्बा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान के कोरोना से हुई कर्मचारियों की मौत के बाद उनके आश्रितों को इसका सर्वाधिक लाभ मिलेगा। विजय झा ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है.

40 दिनों का आंदोलन हुआ सार्थक

छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश साहू ने बताया अनुकम्पा नौकरी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले वर्ष उनके संगठन ने 40 दिनों का लम्बा आंदोलन किया था, तब शासन के आश्वासन पर संगठन ने आंदोलन समाप्त किया था। वर्तमान में कोरोना काल में 900 से अधिक शासकीय सेवकों के निधन के बाद तो यह और जरुरी हो गया था। राकेश साहू ने बताया कि बीते 4 वर्षो से भर्ती पर प्रतिबन्ध होने के चलते अनुकम्पा नौकरी की पात्रता रखने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी काफी ज्यादा हो गई थी। सरकार के इस फैसले से निश्चित ही जरुरतमंदो को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके लिए बधाई के पात्र हैं।

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