नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि कोरोना से शुगर की बीमारी भी हो सकती है। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ICMR के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोनावायरस की बीमारी डायबिटीज भी दे सकती है, क्योंकि इससे शुगर बढ़ता है।

ब्लैक फंगस को महामारी मानने केंद्र की राज्यों को चिट्ठी
केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी माना जाए। राजस्थान समेत देश के तीन राज्यों ने इसे पहले ही महामारी की कैटेगरी में रख दिया है। राजधानी दिल्ली में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से सेंटर भी शुरू कर दिया गया है।
स्टेरॉयड्स का रेमडेसिविर में होता है इस्तेमाल
कोरोना संक्रमित के इलाज में रेमडेसिविर जैसे स्टेरॉयड्स की मदद ली जाती है। ये स्टेरॉयड्स कोरोना का वायरल लोड कम करने में मदद करते हैं। लेकिन, यह कोरोनावायरस का इलाज नहीं हैं।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं की लिस्ट से हटा दिया। ऐसी ही दवाओं के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से कोरोना मरीजों में शुगर या डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
शूगर लेवल बढ़ने से घट जाती है इम्युनिटी
पहले से कोरोना वायरस से लड़ रहे मरीज के शरीर में ब्लड शूगर लेवल बढ़ने से उसकी इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे कंडीशन में फंगल इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है। जिसकी वजह से ब्लैक या व्हाइट फंगस होता है।
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