Covaxin Vs Covishield

टीआरपी डेस्क। Covaxin Vs Covishield : वैक्सीन की डोज के बीच गैप को बढ़ाए जाने के बाद अब वैक्सीन के असर पर बहस तेज हो चली है। मुद्दा यह है कि एक वैक्सीन के दूसरे डोज के बीच का गैप ही आखिर क्यों बढ़ाया गया। बता दें कि सीरम इंस्टिट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज के बीच के गैप को हाल ही में बढ़ाया गया।

इस बहस के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कोवैक्‍सीन (Covaxin) और कोविशील्‍ड (Covishield) द्वारा बनने वाली एंटीबॉडी (Antibody) को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, ‘कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोवैक्सीन की पहली डोज के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनती है।’

कोवैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद बनती है एंटीबॉडी

एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीएमआर चीफ डॉ. बलराम भार्गव (Dr Balram Bhargava) ने कहा, ‘नई स्टडी में सामने आया है कि कोवैक्‍सीन (Covaxin) की पहली डोज लेने के बाद ज्यादा एंटीबॉडी नहीं बनती, बल्कि दूसरी डोज पर्याप्त एंटीबॉडी बनाती है। वहीं कोविशील्‍ड (Covishield) की पहली डोज लेने के बाद ही इससे अच्छी संख्या में एंटीबॉडी बन जाती हैं।’

तो इसलिए कोविशील्‍ड के 2 डोज के बीच बढ़ाया गया अंतराल

कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12-18 सप्ताह कर दिया गया है, क्योंकि पहली खुराक में मजबूत एंटीबॉडी विकसित हुई है। वहीं कोवैक्‍सीन (Covaxin) को लगाने के लिए चार सप्ताह के अंतर को नहीं बदला गया है। कोविशील्ड के लिए 3 महीने के अंतराल को अनिवार्य करने के सरकार के फैसले के बारे में बताते हुए डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि पहले शॉट के बाद प्रतिरक्षा काफी मजबूत पाई गई थी और तीन महीने का अंतराल बेहतरीन परिणाम देगा।

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