ब्लैक फंगस
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रायपुर। कोरोना संक्रमण के साथ ही कुछ दिनों से देश में ब्लैक फंगस, व्हाइट, यलो फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। ब्लैक फंगस के केस महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में मिले हैं। ब्लैक फंगस के खतरे से लोगों में चिंता, भय और घबराहट फैल रही है।

डॉ. मिश्र ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ब्लैक फंगस के सम्बंध में बहुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है। ब्लैक फंगस न ही हर किसी को होने वाला है और न ही यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाली छूत की संक्रामक बीमारी है। इसके लिए पैनिक न करें, सिर्फ सावधानी रखें।

क्या है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस को वैज्ञानिक भाषा में म्यूकोर माइकोसिस कहा जाता है। यह कोई नया फंगस नहीं है। बल्कि यह वातावरण में मौजूद रहते हैं। हवा ,मिट्टी ,खराब फल, सब्जियों, धूल, प्रदूषित पानी में भी मौजूद रहता है। लेकिन यह तब तक हमारे ऊपर असरहीन रहता है, जब तक हमारी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है। अगर किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता में कमी है, उसमें बीमारियों से लडऩे की ताकत में कमी आती है तो यह फंगस बहुत तेजी से व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है।

इसे ब्लैक फंगस क्यों कहा जाता है

इस फंगस संक्रमण में शरीर पर जो चकत्ते पड़ते हैं, अधिकांश काले रंग के होते हैं इसलिए ब्लैक फंगस कहा जाता है। यह फंगस हमारे शरीर में नाक से प्रवेश करता है और नाक की जो म्यूकस मेम्ब्रेन होती है उसको भी संक्रमित करता है। नाक के पीछे जो साइनस होता है, उसको संक्रमित करता है। जबड़े, तालू , जीभ को संक्रमित करता है और वह धीरे-धीरे आंखों के हिस्से को संक्रमित करने लगता है। यदि सही समय पर सही उपचार नहीं होता है तो किसी भी व्यक्ति आंखों की नसों व हड्डियों से होते हुए यह संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है जो घातक सिद्ध हो सकता है।

किन लोगों को है खतरा

  • अनकंट्रोल डायबिटीज
  • अनियंत्रित ब्लड शुगर
  • कमजोर प्रतिरोधक क्षमता
  • ऐसे व्यक्ति जिन्हें कोरोना के कारण हुए निमोनिया हुआ है और वे बहुत दिनों तक आईसीयू में वेंटिलेटर पर या ऑक्सीजन लगी हो।
  • ऐसे व्यक्ति जिन्हें लंबे समय तक स्टेरॉयड का सेवन किया हो।
  • ऐसे व्यक्ति जो कैंसर की दवा ले रहे हैं।
  • ऐसे व्यक्ति जिनको शरीर में कोई अंग प्रत्यारोपण हुआ है

संक्रमण के लक्षण

  • नाक बंद होना
  • सर्दी लगना
  • नाक से पानी आना
  • दर्द होना
  • सूजन आना
  • काले धब्बे दिखाई पडऩा
  • मुंह में तालू में काले धब्बे दिखाई पडऩा
  • पलकों में सूजन आना
  • आंखों का बाहर निकलना
  • आंखें ठीक से खोल नहीं पाना
  • आंखों की मूवमेंट में कमी आना
  • आंख से धुंधला दिखना
  • सिर में तेज दर्द

यदि समय पर उपचार न मिले तो यह संक्रमण मस्तिष्क में पहुंच जाता है। जिससे पक्षाघात, हाथ पैर का अकड़ना और व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। लेकिन यह बहुत कम मामलों में होता है।

कोरोना संक्रमित कैसे बरते सावधानी

कोरोना संक्रमण किसी भी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। ऑक्सीजन की कमी के चलते बहुत सारे लोग जो घरों में ऑक्सीजन ले रहे हैं। उन्हें भी बहुत सारी सावधानियों का पता नहीं होता। सिलेंडर सी एक बोतल आती है, जिसमें स्वच्छ पानी भरा होता है उससे गुजार कर ही ली जाती है तो उस पानी को बदलना जरूरी होता है। अगर वह पानी पुराना हो जाता है उसमें फंगस संक्रमण हो सकता है। यह फंगस वायु, ऑक्सीजन के साथ नाक में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए स्वच्छता और सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

यह संक्रमण इम्यूनिटी या प्रतिरोधक क्षमता में कमी से होता है। इसलिए हमें अपनी इम्युनिटी बढ़ाये रखने की आवश्यकता होती है। यदि आप किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं तो आप उसका उपचार लेते रहिए। जैसे अगर आपको डायबिटीज है तो आप ध्यान रखें कि आपका ब्लड शुगर एक नार्मल रेंज में रहे।

ब्लैक फंगस का उपचार

म्यूकोर मयकोसिस फंगस के उपचार के लिए एंटीफंगल दवाओं की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही लक्षणों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। जो 3 से 4 हफ्ते तक चल सकती हैं और यदि जल्द ही बीमारी पकड़ में आ जाए। सही डाइग्नोसिस हो जाए तो किसी भी अंग को हानि नहीं होती और व्यक्ति जल्दी से ठीक हो सकता है।

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