टीआरपी डेस्क। प्रदेश में कोरोना के टीकों की कमी के बीच स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के 20 लोगों को पहली डोज तो कोविशील्ड की लगी लेकिन दूसरी डोज उन्हें को-वैक्सीन की लगा दी गई. वैक्सीन के इस कॉकटेल के कारण लोगों में दहशत का माहौल है.

ज़िले के CMO ने माना कि यह गलती हुई है. दोषियों को पहचान लिया गया है, जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सिद्धार्थनगर के औदहीकलां गांव के रामसूरत ने बताया कि उन्हें और उनके साथियों को ज़िले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक अप्रैल को कोविशील्ड लगाई गई थी. 14 मई को उन लोगों को टीके की दूसरी डोज लगाई गई.
उनके टीका लगवाने के बाद जब ANM ने और टीका मंगवाया तब टीका जारी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि उन लोगों को गलत टीका लग गया है. ग़लत टीका लगवाने वाले ग्रामीण अब किसी अनहोनी से डरे हुए हैं. वहीँ सिद्धार्थनगर के CMO संदीप चौधरी ने बताया कि यह चूक हुई है, बड़े डॉक्टरों से इस मामले की जांच भी कराई थी. जांच रिपोर्ट आ चुकी है और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले ऐसी भी लापरवाही आ चुकी है सामने
इसके पहले अप्रैल के पहले हफ्ते में ऐसा ही एक लापरवाही भरा मामला यूपी के शामली में सामने आया था. जब कुछ गांव वालों को कोरोना की वैक्सीन के बजाए एन्टी रेबीज़ इंजेक्शन लगा दिए गए थे. इसकी जानकारी तब हुई जब कांदला के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर 72 साल की अनारकली ने टीका लगवाने के बाद ANM को अपना आधार कार्ड दे कर कहा कि वह उनका आधार नंबर दर्ज कर लें. अनारकली कहती हैं कि इस पर एएनएम ने कहा कि कुत्ता काटने का टीका लगाने पर आधार की ज़रूरत नहीं होती. तब उन्हें पता चला कि उन्हें कुत्ता काटने पर लगने वाला इंजेक्शन लगा दिया गया है.
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