भारतीय रेलवे
इतिहास कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारतीय रेलवे के योगदान को हमेशा रखेगा याद

टीआरपी डेस्क। कोरोनावायरस के फैले प्रकोप के बीच भारतीय रेवले ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दिन-रात कोशिशें जारी रखीं. इस बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ तमाम जोनों और मंडलों के परिचालन संबंधी प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि इतिहास भारतीय रेलवे को कोविड के खिलाफ लड़ाई में अपार योगदान देने के लिए सदैव याद रखेगा. रेलवे ने राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित किया है कि प्रगति के पहिए निरंतर तेज गति से चलते रहें.

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि रेलवे ने पिछले 14 महीनों के दौरान संकट की इस घड़ी में लोगों को मुश्किलों से उबारने के लिए उच्च नैतिक बल और उत्‍कृष्‍ट क्षमता का प्रदर्शन किया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कैपेक्स (पूंजीगत खर्च) के रिकॉर्ड आवंटन के पूरे इस्तेमाल के लिए दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ें. उन्‍होंने यह भी कहा कि इंफ्रास्ट्रचर ऑपरेशंस को पूरा करने से विशेषकर कोविड के इस चुनौतीपूर्ण समय में रोजगार भी सृजित होंगे. राष्ट्र उन सभी रेल कर्मचारियों का आभारी है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाई और इसके साथ ही उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे व्‍यापक बदलाव लाते हुए खुद को महज परिवहन के एक साधन के बजाय विकास के एक बेहतरीन इंजन के रूप में परिवर्तित कर रही है. उन्‍होंने यह भी कहा कि हर कोई भारतीय रेलवे की कामयाबी और रेलवे को एक आत्मनिर्भर संगठन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने असाधारण तरीके से राष्ट्र की सेवा की है और वे कोविड के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजर साबित हुई हैं.

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