नेशनल डेस्क। कोरोना वायरस के बीच कई नकली दवाओं की बिक्री भी लगातार जारी है। इसी बीच जायडस कैडिला ने नकली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिए अपनी स्क्रैच कोडिंग तैयार कर रही है। ताकि लोगों को यह आसानी से पता चल जाए कि दवा असली है या नकली।
इस सम्बन्ध में कंपनी ने आज शुक्रवार को बताया है कि वह अब से अपनी महत्वपूर्ण दवाओं की पैकेजिंग पर स्क्रैच कोडिंग करेगी। साथ ही कंपनी ने यह भी कहां कि सबसे पहले स्क्रैच कोडिंग का इस्तेमाल रेमडैक (रेमडेसिवीर) और विराफिन इंजेक्शन (पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2 बी) में करेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक जायडस कैडिला कंपनी की स्क्रैच कोडिंग वाली दवाएं जून के तीसरे सप्ताह तक लोगों को मिलने लगेंगी। धीरे-धीरे कंपनी अन्य उत्पादों में भी इस फीचर का विस्तार करेगी।
कंपनी ने बताया है कि स्क्रैच कोड को स्क्रैच करके मरीज इसे एप या वेबसाइट के माध्यम से आसानी से वैरीफाई कर सकेगा। इस फीचर को इस लिए लाया जा रहा है ताकि बिलकुल सही दवा उपयोगकर्ता तक पहुंचे।
कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक शरविल पटेल ने कहा कि, “नकली दवाएं घातक हैं और इनकी बिक्री पर रोक लगाने के लिए इस फीचर का प्रयोग किया जा रहा है, जो मरीज को आश्वस्त करेगा कि उत्पाद वास्तविक और सुरक्षित है।”
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