योगगुरु रामदेव के बयानों पर भड़के जूनियर डॉक्टर्स आज शाम को निकालेंगे कैंडल मार्च

रायपुर। ऐलोपैथी के संबंध में योग गुरु रामदेव की टिप्पणी से आहत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) द्वारा रामदेव से सार्वजनिक रूप से माफी की अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इसी के तहत रायपुर के जूनियर डॉक्टर्स भी आज काली पट्टी लगाकर OPD और ऑपरेशन थियेटर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे आज शाम को ही कैंडल मार्च भी निकालेंगे। जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि चिकित्सा संगठनों की ओर से हो रहे विरोध के बावजूद केंद्र सरकार की चुप्पी निराशाजनक है।

छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इंद्रेश यादव, उपाध्यक्ष डॉ. शीतल दास ने बताया, एसोसिएशन के सभी लोग बाबा रामदेव के बयानों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के साथ एकजुटता से खड़े हैं।

इस मामले में केंद्र सरकार की निष्क्रियता निराश करने वाली है। केंद्र सरकार ने उस बात को महत्व नहीं दिया जिसने महामारी के खिलाफ युद्ध में उनके ही सैनिकों के बारे में बुरा बोला। छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आज काला दिवस मना रहे हैं, ताकि एलोपैथिक डॉक्टरों और कोरोना शहीदों के प्रति इस अत्याचार पर निष्क्रियता पर अपनी तकलीफ व्यक्त कर सकें। डॉक्टरों ने कहा, शाम को वे लोग कैंडल मार्च निकालेंगे।

बाबा से माफी मांगने को कह चुका है संगठन

छत्तीसगढ़ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पिछले महीने एक प्रस्ताव पारित कर रामदेव बाबा के बयानों की निंदा की थी। इसमें कहा गया, “बाबा रामदेव का बयान नफरत फैलाने वाला है। अधिकारियों से मांग है कि उनपर महामारी कानून के तहत मामला दर्ज करें। हम बाबा रामदेव से बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग करते है।”

IMA ने की है थाने में शिकायत

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की रायपुर शाखा और छत्तीसगढ़ हॉस्पीटल बोर्ड के सदस्यों ने रायपुर के सिविल लाइंस थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ एक शिकायत दी है। इसमें रामकृष्ण यादव उर्फ रामदेव बाबा के खिलाफ महामारी एक्ट और राजद्रोह सहित विभिन्न अपराधों के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है।

एलोपैथी पर रोज विवाद खड़ा कर रहें हैं रामदेव

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में रामदेव को कहते हुए सुना जा रहा है, “एलोपैथी मूर्खतापूर्ण विज्ञान है। भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं। एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है।” IMA के विरोध पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आग्रह किया था। जवाब में बाबा ने खेद जता दिया लेकिन विवाद को खत्म नहीं किया।

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