राष्ट्रीय महामारी काल में राजधानी हॉस्पिटल के दो डाक्टरों की गिरफ्तारी के तरीकों पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने खेद व्यक्त करते हुए जताया एतराज, सीएम से नए सिरे से जांच की मांग
राष्ट्रीय महामारी काल में राजधानी हॉस्पिटल के दो डाक्टरों की गिरफ्तारी के तरीकों पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने खेद व्यक्त करते हुए जताया एतराज, सीएम से नए सिरे से जांच की मांग

रायपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने राजधानी हॉस्पिटल रायपुर में हुई आगजनी और जनहानि पर खेद और चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अस्पताल परिसर में अग्निशमन की पूर्ण व्यवस्था होना अति आवश्यक है, इसके बावजूद देश और विदेश में कोरोना संक्रमण काल में कई अग्नि दुर्घटनाएं हुई हैं और आवश्यक अग्निशमन की व्यवस्था होने के बावजूद जनहानि हुई है ।

बयान में कहा गया है कि राजधानी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालकों पर IPC की धारा 304(2) (जानबूझकर हत्या किए जाने की धारा) लगाए जाने का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आपत्ति व्यक्त करता है। हम इस धारा के लगाए जाने के कानूनी पहलुओं और घटनाक्रम की जांच किए जाने की मांग करते हैं।

सीमित संसाधनों के बावजूद मरीजों की जान बचाने में लगे हैं मेडिकल स्टाफ

एसोसिएशन ने कहा कि सभी चिकित्सक तथा पैरामेडिकल स्टाफ इस महामारी के समय में अपनी और अपने परिवार की जान को खतरे में डालकर पूरी तन्मयता से आम जनता की जान बचाने में लगे हैं। किसी चिकित्सक की मंशा मरीज की हत्या करने की नहीं होती, सीमित संसाधनों के बावजूद महामारी के समय सभी चिकित्सक जन सेवा में लगे हुए हैं।

इस प्रकार की खेद जनक कार्यवाही तथा गैर जमानती धारा का लगाया जाना और चिकित्सकों को जेल में डालना डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण काल में कार्यस्थल पर असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देगी। जिस प्रकार से चिकित्सकों को आदतन अपराधियों की तरह से गिरफ्तार किया गया, उस क्रत्य की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भर्त्सना करता है।

बयान में कहा गया है कि आईएमए छत्तीसगढ़ सभी चिकित्सकों और पैरामेडिकल वर्कर्स के समर्पण और कार्यस्थल पर इच्छाशक्ति का सम्मान करता है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपेक्षा करते हुए कहा है कि कानूनी रूप से दोषपूर्ण इस कार्यवाही की उच्च स्तरीय जाँच और दोषियों पर उपयुक्त कार्यवाही की जाए।

एसोसिएशन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि इस संकट की घड़ी में डॉक्टर को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सक पर 304(A) भी लगाने से पहले मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा आवश्यक है।

इस सुधार से स्वास्थ्य कर्मियों में कार्य करने का विश्वास बना रहेगा, जो कि इस कोरोना महामारी के समय की आवश्यकता भी है।

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