गौतम अडाणी

टीआरपी डेस्क। गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह के तीन विदेशी फंड्स Albula इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खाते को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने फ्रीज कर दिए हैं।

इनके पास अडाणी ग्रुप की चार कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर हैं। अडाणी ग्रुप के लिए यह सबसे बड़ा झटका है। इससे अडाणी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

अडाणी की कंपनियों में लोअर सर्किट 

उनकी कई कंपनियों में लोअर सर्किट तक लग गया है। शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत होते ही अडाणी एंटरप्राइज के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट आई, जिससे लोअर सर्किट लग गया। इसके बाद अडाणी ग्रीन में भी लोअर सर्किट लगा।

मालूम हो कि जिन तीन कंपनियों के खाते फ्रीज हुए हैं, उन तीनों की एडानी एंटरप्राइजेज में 6.82 फीसदी, अडाणी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडाणी टोटल गैस में 5.92 फीसदी और अडाणी ग्रीन में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी है। एनएसडीएल की वेबसाइट के अनुसार, इन खातों को 31 मई को या उससे पहले ही फ्रीज कर दिया गया था। खाते फ्रीज होने से ये फंड अब न तो अपने खाते के शेयर बेच सकते हैं और न ही नए शेयर खरीद सकते हैं। ये तीन फंड्स बाजार नियामक सेबी में विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के तौर पर रजिस्टर्ड हैं और मॉरीशस से अपना कामकाज चलाते हैं।

इसलिए फ्रीज किए गए खाते

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों पर ओनरशिप के बारे में पर्याप्त जानकारी न देने की वजह से कार्रवाई की गई है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत बेनिफिशियल ऑनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है।

साल 2019 कैपिटल मार्केट्स रेग्युलेटर ने एफपीआई के लिए केवाईसी डॉक्युमेंटेशन को पीएमएलए के मुताबिक कर दिया था। फंड्स को 2020 तक नए नियमों का पालन करने का समय दिया गया था। सेबी ने कहा था कि नए नियमों का पालन न करने वाले फंड्स का खाता फ्रीज कर दिया जाएगा। नियमों के अनुसार एफपीआई को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी थी।

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