टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राम मंदिर निर्माण समिति पर चंदे की राशि में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। पीसीसी संचार अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि चंदे की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।

त्रिवेदी ने कहा कि देशवासियों ने उत्साह से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समिति को दान दिया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी मंदिर निर्माण में सहयोग दिया है। विधायकों ने दान दिया है अब उसमें गड़बड़ी उजागर होना असहनीय है। शाम को 2 करोड़ रुपए में जमीन खरीदी की और उसी जमीन को राम मंदिर निर्माण समिति 18 करोड़ में खरीद ली।
इधर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर घोटाले के आरोप के बाद यूपी की सियासत गर्मायी हुई है। घोटाले के ये आरोप आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अयोध्या से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने लगाए हैं। इसके बाद से ही सभी विपक्षी दलों और ट्रस्ट की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस पर ट्रस्ट को घेरा है और राम मंदिर के लिए चंदे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
क्या है संजय सिंह और पवन पांडे के आरोप?
सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अयोध्या की इस जमीन की कीमत साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकंड की दर से बढ़ी। जिस तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रेकॉर्ड है। जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए स्टांम्प 5:11 मिनट पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी उसके स्टॉम्प 5:22 मिनट पर खरीदे गए।
हे राम,
ये कैसे दिन…आपके नाम पर चंदे लेकर घोटाले हो रहे है।
बेशर्म लुटेरे अब आस्था बेच ‘रावण’ से अहंकार में मदमस्त हैं।सवाल है कि ₹2 करोड़ में ख़रीदी ज़मीन 10 मिनट बाद ‘राम जन्मभूमि’ को ₹18.50 करोड़ में कैसे बेची?
अब तो लगता है …
कंसो का ही राज है, रावण हैं चहुँ ओर ! https://t.co/LAAROFZCMU— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 13, 2021
आखिर ट्रस्ट ने स्टांम्प पहले ही कैसे खरीद लिया। किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड की मीटिंग करके प्रस्ताव पास किया जाता है। ऐसे में सवाल है कि मात्र पांच मिनट में कैसे ट्रस्ट ने प्रस्ताव पास करके जमीन खरीद ली। आप सांसद ने प्रधानमंत्री से मांग है कि पूरे मामले की ईडी और सीबीआई से जांच कराई जाए ताकि सच सामने आए।
वहीं सपा नेता पवन पांडेय का आरोप है कि 10 मिनट पहले 2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। उन्होंने सवाल पूछा है कि जिस जमीन को दो करोड़ रुपये में खरीदा गया, उसी जमीन का 10 मिनट बाद साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट क्यों हुआ? 5 मिनट में ही 2 करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ की कैसे हो गई? जमीन की कीमत कैसे बढ़ गई?