धान गबन मामले में 17 आरोपी हुए गिरफ्तार, 290 कट्टा धान जब्त

टीआरपी डेस्क। धान गबन मामले में फड़ प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने 290 कट्टा धान भी जब्त किया है। मामला भाटापारा जिले के बगबुड़वा गांव का है। कोटवार ने भाटापारा ग्रामीण थाना पुलिस को सूचना दी कि गांव के अर्जुन ध्रुव और दयालू ध्रुव के घर पर पीडीएस (PDS) के बोरे में भारी मात्रा में धान रखा हुआ है।

जानकारी मिलते ही पुलिस ने टीम बनाकर दोनों के घर में छापा मारा। इसमें पुलिस ने पाया कि घर में 290 कट्टा में करीब 116 क्विंटल धान रखा हुआ है। जिसकी समर्थन मूल्य पर कीमत करीब 2 लाख 16 हजार रुपए है। जांच करने पर पाया गया कि भाटापारा के निपनिया सोयायटी के कोनी धान खरीदी केंद्र में गबन हुआ है। जिसमें शामिल खरीदी केंद्र प्रभारी तुलेश ध्रुव, कंप्यूटर ऑपरेटर रामेश्वर वर्मा, धान रखने वाले अर्जुन ध्रुव और दयालू ध्रुव, गबन में इस्तेमाल ट्रैक्टर मालिक सोहन साहू समेत कुछ हमालों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने गबन किए हुए 290 बोरी धान सहित घटना में इस्तेमाल किए गए ट्रैक्टर समेत आरोपियों के मोबाइल को भी जब्त कर लिया है।

ये हुए गिरफ्तार

  1. तुलेश ध्रुव निपनिया थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  2. रामेश्वर वर्मा, मोपका थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  3. मोहनलाल वर्मा, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  4. दयालूराम ध्रुव, बगबुड़वा थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  5. परस राम वर्मा, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  6. संजू वर्मा, कोदवा
  7. बलदाऊ यादव, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  8. अर्जुन लाल ध्रुव, बगबुड़वा थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  9. खोरगिंजरा वर्मा, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  10. दूरपत साहू, कोदवा थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  11. गोवर्धन यदु, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  12. नागेश्वर वर्मा, कोदवा थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  13. अमर वर्मा, कोदवा थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  14. ललित वर्मा, कोदवा
  15. सोहन साहू, खपरी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)
  16. रामकुमार वर्मा, कोदवा
  17. राजू वर्मा, कोनी थाना, भाटापारा (ग्रामीण)

नहीं हो रहा धान का उठाव

प्रदेश में इन दिनों धान का उठाव बंद है। धान खरीदी केंद्र (paddy procurement center) में 31 मई तक धान का उठाव करना था, लेकिन अब तक धान केंद्रों में 6 महीनों से खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। जिसे अगर हफ्ते भर में नहीं उठाया गया, तो लाखों क्विंटल धान बर्बाद हो जाएगा। इधर प्री-मानसून की बारिश भी शुरू हो गई है, वहीं जिले में खरीदी होने के चार महीने बाद भी उपार्जन केंद्रों में धान (Paddy purchased in Chhattisgarh) अभी भी खुले आसमान के नीचे पड़े हैं।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर