स्वरा भास्कर और पत्रकार आरफा खानम के खिलाफ शिकायत, मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के वीडियो पर भड़काऊ ट्वीट का आरोप
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टीआरपी डेस्क। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट से जुड़े एक वायरल वीडियो पर विवाद गहराता जा रहा है। मामले को लेकर राजधानी दिल्ली में बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar), पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, आसिफ खान और ट्विटर इंडिया (Twitter India) के मनीष माहेश्वरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत एडवोकेट अमित आचार्य ने तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में कराई है। आरोप है कि मामले में इन सभी ने भड़काऊ ट्वीट किए। पुलिस का कहना है कि अभी FIR दर्ज नहीं की गई है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है।

स्वरा ने ट्वीट कर उठाए सवाल 

बता दें, स्वरा ने ट्वीट कर पर लिखा था कि ‘गाजियाबाद लिंचिंग पीड़ित का फैमिली बिजनेस कारपेंट्री (बढ़ई) है। वह तावीज बनाने के बारे में कुछ नहीं जानता। गिरफ्तार किए गए सह-आरोपी का भाई भी पुलिस के बयान को चुनौती दे रहा है। इन दावों की जांच होनी चाहिए।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘परिवार द्वारा 6 जून को की गई लिखित शिकायत की वास्तविक कॉपी में इसकी पुष्टि की गई है। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मुहर पर लिखी तारीख से पता चलता है कि FIR से पहले सैफी पर उनके हमलावरों द्वारा ‘जय श्री राम’ कहने का आरोप पुलिस के संज्ञान में लाया गया था।’

रिपोर्टिंग को अपराधिक रूप देने का प्रयास- आरफा

वहीं आरफा ने FIR पर टिप्पणी करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ‘यह किसी घटना के आधिकारिक वर्जन से हटकर की गई रिपोर्टिंग को अपराधिक रूप देने का प्रयास है। एक अपराध के शिकार व्यक्ति ने घटना के बारे में खुद क्या कहा है? इसकी रिपोर्टिंग के लिए द वायर पर FIR दर्ज की गई है।’

वीडियो प्रसारित करने के लिए समाचार पोर्टल के खिलाफ मामला दर्ज

हालांकी इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित करने के सिलसिले में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी अनुसार, गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को साम्प्रदायिक अशांति भड़काने के इरादे से साझा किया गया था।

पुलिस ने क्लिप साझा करने को लेकर ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशन्स इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकारों मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के नेताओं सलमान निजामी, मशकूर उस्मानी, डॉ. शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

निजी विवाद को दिया गया साम्प्रदायिक रूप 

प्राथमिकी में कहा गया है, ‘इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने एवं धार्मिक समूहों के बीच विभाजन के इरादे से इसे साम्प्रदायिक पहलू देकर ऑनलाइन साझा किया।’ साथ ही ट्विटर और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी में कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस ने घटना के तथ्यों के साथ एक स्पष्टीकरण बयान जारी किया था। इसके बावजूद आरोपी ने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो नहीं हटाया। इसमें कहा गया है कि पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया था कि सैफी पर हमला करने वालों में हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम व्यक्ति भी शामिल थे और यह घटना साम्प्रदायिक नहीं थी, बल्कि उनके बीच निजी विवाद का परिणाम थी।

पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार

बता दें, सोशल मीडिया पर 14 जून को एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ। जिसमें बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया। जिसके अनुसार कुछ युवकों ने उनकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने घटना के पीछे कोई साम्प्रदायिक कारण होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था।

पुलिस ने सैफी पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक इरास राजा ने बुधवार को बताया कि सैफी को पीटने के आरोप में कल्लू गुर्जर, प्रवेश गुर्जर और आदिल को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस चार अन्य लोगों पोली, हिमांशु, आरिफ और मुर्शिद को भी तलाश रही है।

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