रायपुर। कोरोना संक्रमण और लंबे लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ में करीब 500 प्राइवेट स्कूल बंद हो चुके हैं। बता दें कि प्रदेश में मार्च 2020 से स्कूल बंद हैं। आर्थिक दिक्कतों की वजह से ये स्कूल बंद कर दिए गए।
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल बंद होने की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है कि 1 जुलाई से पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूल खोल दिए जाएं।
अधिकांश परिजन नहीं दे रहे फीस की रकम
स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना के असर के बीच प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के 40 फ़ीसदी पेरेंट्स ने ही अब तक फीस जमा कराई है। हम चाहते हैं कि सरकार सभी पेरेंट्स से पूरी फीस फीस देने को लेकर अपील करे। फीस ना मिलने की वजह से स्कूल का खर्च चला पाना मुश्किल हो रहा है, जबकि समय-समय पर सरकार की तरफ से मिले निर्देशों के साथ प्राइवेट स्कूलों ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी है।
बसों की किश्त जमा करने बैंक बना रहे दबाव
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों के पास रहने वाली स्कूल बसें ज्यादातर फाइनेंस पर ली गई हैं। इनकी किश्त जमा करने के पैसे नहीं है। बस चल नहीं रही है लिहाजा पेरेंट्स बस से जुड़ा शुल्क देने से साफ इनकार कर देते हैं। ऐसे में आर्थिक दिक्कतें पैदा हो रही हैं। सरकार से स्कूल एसोसिएशन की तरफ से यह मांग भी की गई है कि इन बसों की बैंक किश्त कुछ दिन के स्थगित की जाए, इनका रोड टैक्स भी माफ किया जाए।
क्या कहना है सरकार का
सुरक्षा के मद्देनजर सरकार की मंशा है कि संक्रमण अगर घटेगा तो सकूल खुलेंगे। इस बीच छत्तीसगढ़ में 16 जून से स्कूल खोले जाने को लेकर बहस छिड़ी थी। तब प्रदेश की सरकार की तरफ से मंत्री रविंद्र चौबे ने साफ किया था कि जब प्रदेश में संक्रमण की दर घटकर शून्य हो जाएगी तब राज्य में उस स्कूल खोले जा सकेंगे।