बस्तर
कड़े नियमों की वजह से बस्तर के इन 24 गांवों में नहीं दिखा कोरोना की दूसरी लहर का असर

बस्तर। छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के 24 ऐसे नक्सलगढ़ गांव हैं जहां तक कोरोना पहुंच नहीं पाया। इसकी बड़ी वजह इन इलाकों के ग्रामीणों की कोरोना को लेकर जागरूकता है। यही वजह है कि इन 24 गांवों के एक भी ग्रामीण कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रमित नहीं हुए हैं। कोरोना की दोनों लहर में भी इन गांव के हजारों ग्रामीणों ने खुद को गांव में ही लॉक कर दिया था।

इन गांव में नहीं दे पाया कोरोना दस्तक

बस्तर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव बेंगलूर, चेरबहार, मिलकुलवाड़ा, बड़े बादाम, छोटे बादाम, नवा गुड़ा, बिरनपाल, सुरंदवाड़ा, परालीबोदल, बड़े बोदल, छोटे बोदल, रामपाल, नेगीगुड़ा, चितापदर, कालागुड़ा, माचकोट, गुमलवाड़ा, गुड़िया, बामनरास, चितालगुर, पुलचा, तोलावाड़ा, कोरपाल और तुसेल गांव शामिल हैं। ये सब ऐसे गांव है जहां तक पहुंचना आसान नहीं है। ये सभी नक्सलगढ़ गांव के ग्रामीणों की जागरूकता एक बड़ी सीख भी दे रही है।

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स्वास्थ्य कर्मियों को छोड़ कर बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं

कोरोना की पहली और दूसरी लहर को देखते हुए बस्तर जिले के 24 नक्सलगढ़ गांव के हजारों ग्रामीणों ने खुद ही अपने आप को गांव में लॉक कर लिया था। इन गांव के ग्रामीणों ने मिलकर अपने गांव में यह नियम बनाया था कि स्वास्थ्य कर्मियों को छोड़ कर कोई भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। न ही गांव के ग्रामीण बेवजह गांव से बाहर जाएंगे। ग्रामीणों के इसी नियम ने इन्हें कोरोना से अब तक बचा कर रखा है।

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2 लाख से ज्यादा लोगों ने लगवाया टीका

बस्तर जिले में अब तक 2 लाख 10 हजार लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। वहीं 40 हजार से अधिक लोगों ने टीके का दोनों डोज लगवा लिया है। बस्तर जिला प्रशासन द्वारा कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण को सबसे अहम मानते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण पर लगातार जोर दिया जा रहा है।

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