Twitter के MD के खिलाफ SC पहुंची UP सरकार, HC के फैसले को दी चुनौती
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टीआरपी डेस्क। गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई के मामले वाले वीडियो को लेकर ट्विटर और यूपी पुलिस की जंग अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। ट्विटर इंडिया के MD मनीष माहेश्वरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। गाजियाबाद पुलिस ने मनीष माहेश्वरी के खिलाफ याचिका दायर कर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।

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दरअसल गाजियाबाद पुलिस लोनी में बुजुर्ग से मारपीट मामले में ट्विटर के एमडी मनीष से पूछताछ करना चाहती है। इस पर माहेश्वरी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने एमडी मनीष महेश्वरी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर 29 जून तक रोक लगा दी थी। अब इसी के खिलाफ पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

पुलिस को सिर्फ वर्चुअली पूछताछ की इजाज़त 

बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी को अंतरिम जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि गाजियाबाद पुलिस मनीष से सिर्फ वर्चुअली पूछताछ कर सकती है। कोर्ट ने यह फैसला मनीष माहेश्वरी के नोटिस पर चुनौती के दौरान दिया था।

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गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील वीडियो जारी होने के मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी को आगाह किया था। पुलिस ने कहा था कि अगर वह 24 जून को पेश नहीं हुए और जांच में शामिल नहीं हुए तो इसे जांच में बाधा के समान माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने दूसरा नोटिस जारी करके आगाह किया था कि उनके पेश नहीं होने की सूरत में उनके खिलाफ जांच को बाधित करने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा।

क्या है पूरा मामला ?

बता दें, गाजियाबाद के लोनी इलाके के एक बुजुर्ग का वीडियो पिछले दिनों ट्विटर पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में बुजुर्ग ने मुस्लिम होने के चलते पिटाई होने, दाढ़ी काटे जाने और जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए जाने का आरोप लगाए थे। हालांकि यूपी पुलिस की जांच में इसका खंडन किया गया था। पुलिस का कहना था कि यह मामला तांत्रिक साधना से जुड़ा हुआ था और उसी के चलते उसकी पिटाई युवकों ने की थी।

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यही नहीं उसकी पिटाई करने के आरोपी युवकों में कई मुस्लिम समुदाय से भी ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में दावा गलत पाए जाने के बाद यूपी पुलिस की ओर से वीडियो को सांप्रदायिक रंग देने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इनमें से एक मामले में ट्विटर का नाम भी शामिल किया गया है।

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