टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कथित ‘टूलकिट’ की जांच कराने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी को टूलकिट पसंद नहीं है तो उसे नजरअंदाज कर देना चाहिए। अदालत की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली है। आरोप है कि यह टूलकिट कांग्रेस की ओर से बनवाई गई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश
बता दें कि भाजपा ने बीते दिनों कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने सोशल मीडिया के लिए एक टूलकिट बनाई थी, जिसके अनुसार सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ‘भारतीय स्वरूप’ या ‘मोदी स्वरूप’ के रूप में पेश किया गया। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने इस टूलकिट के जरिये देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की।
भाजपा उसे बदनाम करने के लिए साजिश रच रही
हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिए साजिश रच रही है और इसके लिए फर्जी टूलकिट का सहारा ले रही है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने टूलकिट मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है।
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