अच्छी खबर- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की कोवैक्सिन को जल्द मिल सकता है WHO से अप्रूवल

टीआरपी डेस्क। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को जल्द ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से भी अप्रूवल मिल सकता है। बता दें कि इसे हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बोयोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर तैयार किया है।

इस वैक्सीन को WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी असरदार माना है। जिसके बाद से ही कोवैक्सिन को WHO की मंजूरी मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

23 जून को हुई थी प्री-सबमिशन मीटिंग

एक मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में स्वामीनाथन ने बताया कि भारत बायोटेक और WHO के बीच प्री-सबमिशन मीटिंग 23 जून को हुई थी और अब उसके ट्रायल के डेटा को इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट पर कम असरदार है, इसके बावजूद यह काफी हद तक कारगर साबित हुई है। इस वैक्सीन की ओवरऑल एफिकेसी काफी ज्यादा है।

यह भी पढ़ेंः पूर्व सांसद दिनेश कश्यप का दावा- छत्तीसगढ़ में 2023 में BJP की सरकार नहीं बनी तो कटवा दूंगा कान, 2003 में दिलीप सिंह जूदेव ने लगाया था मूछों पर दांव

WHO ने EOI मंजूर किया था

इससे पहले भारत बायोटेक के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) को WHO ने स्वीकार कर लिया था। कोवैक्सिन को अप्रूवल दिलाने के लिए कंपनी ने 19 अप्रैल को EOI सब्मिट किया था।

77.8% तक असरदार कोवैक्सिन

भारत बायोटेक ने 26 जून को वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल का डेटा जारी किया था। इसमें बताया गया था कि कोवैक्सिन सिम्प्टोमेटिक लोगों पर 77.8% तक असरदार है। इसमें बताया गया था कि गंभीर लक्षणों वाले मामलों के खिलाफ यह वैक्सीन 93.4% तक असरदार है। हालांकि, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा देने के मामले में इसकी एफिकेसी 65.2% साबित हुई थी।

यह भी पढ़ेंः अब आसानी से होगी किसी भी नए वेरिएंट की पहचान, तीसरी लहर की चेतावनी के बीच तैयारियां तेज

WHO के इमरजेंसी यूज अप्रूवल की क्या अहमियत है?

  • WHO की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में महामारी जैसी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में हेल्थ प्रोडक्ट की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस को जांचा जाता है। WHO ने फाइजर की वैक्सीन को 31 दिसंबर 2020 को, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को 15 फरवरी 2021 को और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को 12 मार्च को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दिया था।
  • WHO के मुताबिक इमरजेंसी को देखते हुए जल्द से जल्द दवा, वैक्सीन और डायग्नोस्टिक टूल्स विकसित करना और अप्रूव करना जरूरी है। वह भी सेफ्टी, एफिकेसी और क्वालिटी के मानकों पर खरा रहते हुए। यह असेसमेंट महामारी के दौरान व्यापक स्तर पर लोगों के लिए इन प्रोडक्ट्स की उपयोगिता सुनिश्चित करता है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर