धमतरी। अब बेटियां भी बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। जहां पहले बेटों को ही घर का सहाना समझा जाता था, लेकिन अब बेटियों ने भी कड़ी मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प के दम पर परिवार का सहारा बन रही है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की बेटी रोमा ने इसे साबित कर दिखाया है।

रोमा ने किया अपने बचपन का सपना पूरा
दरअसल राेमा वर्दीयानी धमतरी के आमापारा में रहने वालीं है। जो अब माइक्राेसाफ्ट इंजीनियर बन गई हैं। उन्हाेंने 23 साल की उम्र में ही बचपन में देखा सपना पूरा कर लिया है। यह पाचवीं में थी तब से कंप्यूटर से लगाव हाे गया था। इंजीनियर बनने का सपना देखने लगीं थी। 8वीं में काेडिंग के संबंध में जाना व सीखा।
हर राेज सपने काे जिया उसे पूरा करने का प्रयास किया। इसी लगन के चलते उनका सपना पूरा भी हाे गया है। उन्हें बंगलुरू में 41.82 लाख का पैकेज मिला है। रोमा जिले की पहली ऐसी बेटी हैं, जिन्हें सालाना 41.86 लाख रुपए का पैकेज मिला है।
रोमा वर्दीयानी शहर के आमापारा निवासी राजकुमार वर्दीयानी की बड़ी बेटी है। पिता प्रॉपटी फाइनेंसर है। पढ़ाई के प्रति रोमा की रूचि देख कर पिता ने उन्हें प्रोत्साहित किया।
परिवार के लिए बेटी रोमा बनी प्रेरणा
रोमा वर्दीयानी अपने घर की सबसे बड़ी बेटी है। रोमा के पिता राजकुमार वर्दीयानी प्रॉपटी फाइनेंस का काम करते हैं, जबकि मां सपना वर्दीयानी गृहणी हैं। रोमा की छोटी बहन तनिशा 10वीं की पढ़ाई कर रही है और भाई नैतिक 5वीं कक्षा में है।
ऐसे हुआ माइक्रोसॉफ्ट में चयन
रोमा वर्दीयानी ने एक मिडिया से चर्चा करते हुए बताया कि पढ़ाई के दौरान माइक्रोसॉफ्ट कैंपस में आई। कोरोना काल के कारण थर्ड ईयर में एमएनसी में इंटर्नशिप नहीं कर पाई थी। समय मिला तो डेटा स्ट्रक्चर, प्रोग्राम लैग्वेंज, डेटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम जैसी तकनीकाें की पढ़ाई के साथ उन्हें सीखती रही। 4 कंपनियाें के कैंपस प्लेसमेंट में शामिल हुई।
2 ने जॉब ऑफर दिया। माइक्रोसॉफ्ट ने 5 राउंड में टेस्ट लिया। 17 जून को अंतिम सूची में चयनित कर लिया। इसके बाद 28 जून 2021 को माइक्रोसॉफ्ट बेंगलुरु (कर्नाटक) में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर ऑनलाइन जॉइनिंग ली।
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