रायपुर। आज का मानव कब दानव जैसा व्यवहार करने लगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। जहां एक ओर प्रकृति की देखभाल के लिए हम पोस्टर लगाकर संदेश देते हैं तो दूसरी ओर हमारे ही लोग प्रकृति का दोहन करने से बाज नहीं आते। प्रदेश में जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार करोड़ों खर्च कर रही है। मगर जानवरों की तस्करी पर रोक लगाने में नाकामयाब है।

ऐसा ही मामला गरियाबंद वन मंडल में देखने मिला है। जहां 6 संदिग्ध अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है। इन 6 लोगों के पास 4 नग तेंदुआ खाल, 1 बाघ की खाल, 1 दांत, 2 नाखून बरामद किए गए हैं। साथ ही 4 मोटरसाइकिल प्राप्त हुई हैं। पुलिस का मानना है की ये 6 अपराधी जानवरों को मारकर उनकी खाल बेचने जा रहे थे।

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मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद वन मंडल को सूत्रों से सूचना मिली की कुछ संदिग्ध व्यक्ति जानवरों की खाल की तस्करी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान वन्य प्राणी वन संरक्षक पीवी नरसिंग राव के मार्गदर्शन में टीम बनाकर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व, गरियाबंद वन मंडल, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल, खरियार वन मंडल ओड़िसा, उत्तर-दक्षिण कालाहांडी वन मंडल ओड़िसा ने संयुक्त रूप से पड़ताल की और 6 आरोपी को पकड़ा है। वहीं मौजूद खाल को जांच के लिए भेजा है।

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