कोरोना के डेल्टा और लैम्बडा वेरिएंट के कारण तीसरी लहर आने की आशंका! जानें कौन सा Variant है ज्यादा खतरनाक, विशेषज्ञों ने कहीं ये बात 
कोरोना के डेल्टा और लैम्बडा वेरिएंट के कारण तीसरी लहर आने की आशंका! जानें कौन सा Variant है ज्यादा खतरनाक, विशेषज्ञों ने कहीं ये बात 

नई दिल्ली। देशभर में जारी कोरोना वायरस से लोगों की चिंता बनी हुई है। विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दे दी है कि कोरोना के तीसरी लहर से बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। अब इसी बीच कोरोना के डेल्टा और लैम्बडा वेरिएंट मिलने के बाद विशेषज्ञ भी काफी चिंतित हैं।

यह भी माना जा रहा है कि इन्हीं दोनों वेरिएंट के कारण कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। साथ ही इस बीच यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार दोनों वेरिएंट में से कौन सा ज्यादा हानिकारक है? इस पर बात करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि दिल्ली में डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमण के मामले बड़ी संख्या में नहीं हैं, लेकिन यह मौजूद है। डेल्टा भी चिंताजनक है, हम इस समय लैम्ब्डा वेरिएंट को लेकर अधिक चिंतित हैं। हमारे देश में अभी इसके होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह आ सकता है।

भीड़ की वजह से वायरस सुपर स्प्रेडर बन जाएगा

आगे डॉ. एसके सरीन ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है। अगर कोई पर्यटक पूरे देश में घूमते हुए एक हिल स्टेशन पर पहुंचता है तो संभव है कि वह वहां वायरस ले गया हो और भीड़ की वजह से यह एक सुपर स्प्रेडर बन जाएगा। यह घातक हो सकता है।  बता दें कि पिछले दिनों देश के विभिन्न हिल स्टेशनों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। हिल स्टेशनों पर लोगों की भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई राजमार्ग ट्रैफिक के कारण ब्लॉक हो गए हैं।

सतर्कता के साथ निगरानी की जरूरत 

डॉ. एसके सरीन ने कांवर यात्रा को लेकर कहा कि जब तक लोग समाज से यह वादा नहीं करते कि वह गलत व्यवहार नहीं करेंगे, मुझे लगता है कि यात्रा खतरनाक हो सकती है। अगर लोग कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन नहीं करते हैं तो यह खतरनाक साबित हो सकती है, इसकी सतर्कता के साथ निगरानी की जानी चाहिए।

लैम्बडा वैरिएंट पर की जा रही निगरानी

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि लैम्बडा वेरिएंट पर ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए इसका पता लगाया जा रहा है। डॉ वी के पॉल ने कहा, जहां तक हम जानते हैं कि इसने हमारे देश में प्रवेश नहीं किया है, अपने देश में यह नहीं मिला है। हमारी निगरानी प्रणाली आईएनएसएसीओजी बहुत प्रभावी है और अगर यह स्वरूप देश में प्रवेश करता है तो वह इसका पता लगा लेगी।

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