मध्यप्रदेश से 19 बच्चों को लाकर चला रहा था बालगृह, छापे के बाद मामला पुलिस के सुपुर्द
मध्यप्रदेश से 19 बच्चों को लाकर चला रहा था बालगृह, छापे के बाद मामला पुलिस के सुपुर्द

रायपुर। अवैध तरीके से चलाये जा रहे बाल गृह से बच्चों को छुड़ाने के बाद पुलिस ने संस्था संचालक को हिरासत में ले लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नवा रायपुर के सेक्टर 29 में संचालित संस्था लाइफ शो फाउंडेशन में मंडला से लाये गए 19 बच्चों का रेस्क्यू किया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।

क्राउड फंडिंग की थी तैयारी

लाइफ शो फाउंडेशन के संचालक द्वारा बाकायदा पम्पलेट छपवाकर राजधानी के विभिन्न इलाकों में संस्था का प्रचार करने के साथ ही लोगों से दान करने की अपील की जा रही थी। यही पम्पलेट जिला बाल संरक्षण अधिकारी के हाथ लग गया। जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम के साथ संबंधित पते पर दबिश दी गई। यहां कुल 19 बच्चे मिले, जिनमे 10 लड़के और 09 लड़कियां थीं। पूछताछ में पता चला कि इन बच्चों को मंडला और बालाघाट से इसी महीने की 02 तारीख को लाया गया था। पम्पलेट को देखकर ही समझ में आता है कि जिस तरह वर्तमान में क्राउड फंडिंग का धंधा चल रहा है, उसी तरह संचालक नरेश महानंद द्वारा भी किया जा रहा था।

बच्चों में बैगा आदिवासी भी शामिल

मध्यप्रदेश से लाये गए इन बच्चों में अधिकांश के परिजन कोरोना की बीमारी का शिकार हुए हैं। इन्हें क्रिश्चियन कम्युनिटी से जुड़े नरेश महानंद द्वारा अच्छी तरह लालन-पालन और अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाने का वादा करके लाया गया था। रेस्क्यू के बाद सभी बच्चों को जिला रायपुर की बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। साथ ही इनके परिजनों को भी बुलवाया गया। पूछताछ के बाद पता चला कि इनमे से कुछ बच्चे तो संरक्षित बैगा आदिवासी हैं। भिलाई के पते पर पंजीकृत इस संस्था को चलाने वालों में नरेश महानंद के अलावा और कौन-कौन लोग हैं, इसका खुलासा पुलिस की पूछताछ से हो सकेगा।

नियम कायदों की भी नहीं थी जानकारी..!

लाइफ शो फाउंडेशन के संचालक नरेश महानंद से जब महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ की तब पता चला कि नरेश को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि इस तरह की संस्था को चलाने से पहले जेजे एक्ट के तहत समिति को विभाग में पंजीकृत कराना पड़ता है, साथ ही तमाम नियम कायदों का पालन करना होता है। आपको बता दें कि जिला रायपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन पंजीकृत लगभग 10 बाल संस्थाएं संचालित हैं, जिसके लिए फंड भी सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है।


बच्चों को लेकर रवाना हुई मंडल पुलिस

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय प्रशासन और मंडला जिला प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करके तत्काल वहां की पुलिस को बुलवाया गया। जिसके बाद मंडला SDOP समेत 6 सदस्यीय टीम पहुंची।
टीम ने अवैध बालगृह से मुक्त हुए बच्चों के बारे में पूछताछ की। महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर के कार्यक्रम अधिकारी ए के पांडेय ने बताया कि सारी औपचारिकताओं के बाद मंडला पुलिस सभी 19 बच्चों को लेकर यहां से रवाना हो गई है। उधर राखी थाने की पुलिस का कहना है कि फ़िलहाल अवैध बालगृह को संचालित करने वाले नरेश महानंद से पूछताछ चल रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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